शारदीय नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. यह न केवल आस्था और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का भी संदेश देता है. नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों को समर्पित होते हैं और हर दिन का रंग भी अलग होता है, जिसे पहनने से देवी की कृपा विशेष रूप से मिलती है.
नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता है. इस दिन भक्त नारंगी रंग के कपड़े पहनते हैं, क्योंकि माना जाता है कि यह रंग देवी को बेहद प्रिय है. नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है और इस दिन सफेद रंग पहनना शुभ माना जाता है. सफेद रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक है, और इसे पहनने से मां ब्रह्मचारिणी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. इस दिन का विशेष रंग लाल है. लाल रंग शक्ति, प्रेम और उत्साह का प्रतीक माना जाता है. भक्त इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहनते हैं ताकि मां चंद्रघंटा उनकी मनोकामनाओं को पूरा करें और जीवन में ऊर्जा और खुशहाली भर दें. नवरात्रि के तीसरे दिन मां को भोग में खीर अर्पित करना भी विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
मां चंद्रघंटा की पूजा में दीपक जलाना, लाल पुष्प चढ़ाना और खीर का भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन का व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक बदलाव आते हैं. भक्त मानते हैं कि यदि तीसरे दिन लाल रंग पहनकर मां की भक्ति की जाए, तो उनके घर और जीवन में प्रेम, शक्ति और उन्नति आती है.
नवरात्रि केवल त्योहार नहीं, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर भी है. प्रत्येक दिन का रंग, पूजा और भोग विशेष महत्व रखते हैं. तीसरे दिन लाल रंग पहनने और मां चंद्रघंटा को भोग अर्पित करने से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
इस नवरात्रि, अपने कपड़ों और पूजा विधि का विशेष ध्यान रखें और मां दुर्गा की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली लाएं.
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