Ghar Mein Shisha Lagane Ki Sahi Disha : आजकल घरों में शीशे लगाना बहुत आम हो गया है. वाशरूम, अलमारी, वॉशबेसिन या कहीं भी लोग शीशे लगाकर खुद को देखते हैं और घर की सजावट भी बढ़ाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के हिसाब से शीशा लगाने की दिशा और जगह बहुत मायने रखती है? सही जगह शीशा लगाने से घर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है, लेकिन गलत जगह पर लगाने से परेशानियां बढ़ सकती हैं.
टूटा हुआ शीशा घर में नेगेटिव एनर्जी को अटरैक्ट करता है. इससे मानसिक तनाव, पारिवारिक झगड़े और नींद में खलल आने जैसी समस्याएं होती हैं. इसलिए अगर आपके घर में कहीं भी टूटा या खराब शीशा है, तो उसे तुरंत बदल दें.
घर का मेन बहुत पवित्र माना जाता है, जहां से घर में मां लक्ष्मी और पॉजिटिव एनर्जी प्रवेश करती है. अगर मेन गेट पर शीशा लगा दिया जाए तो ये आर्थिक समस्याओं और मानसिक अशांति का कारण बन सकता है. खासकर व्यापार करने वालों को मेन गेट पर शीशा लगाने से बचना चाहिए.
विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व दिशा में शीशा लगाना वर्जित है. ये दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी होती है और यहां शीशा लगाने से घर में तनाव, दांपत्य समस्याएं और महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
बहुत से लोग सोने के कमरे में बिस्तर के सामने शीशा लगाना पसंद करते हैं, लेकिन ये वास्तु के अनुसार गलत माना जाता है. इससे नींद में खलल आता है और मानसिक तनाव बढ़ता है. अगर हटाना संभव न हो तो रात को उस शीशे पर कपड़ा जरूर डालें.
उत्तर-पूर्व दिशा, जिसे ईशान कोण भी कहा जाता है, शीशा लगाने के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है. इस दिशा में शीशा लगाने से घर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है, कामकाज ठीक होते हैं और परिवार में सुख-शांति आती है.
घर में शीशा लगाना सजावट के साथ-साथ एनर्जी बैलेंस के लिए भी जरूरी है. इसलिए वास्तु के अनुसार सही दिशा और जगह पर ही शीशा लगाएं ताकि आपके घर में खुशहाली और शांति बनी रहे.
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