धनतेरस भारत का एक महत्वपूर्ण त्योहार है और इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है. यह दिन आधिकारिक तौर पर दिवाली की तैयारियों की शुरुआत का प्रतीक है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन मां लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुईं. इस दिन कुबेर जी यानी धन के देवता के साथ मां लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है. हालांकि, धानतेरस के दो दिन बाद अमावस्या को होने वाली लक्ष्मी पूजा को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है.
धनतेरस पर लोग पारंपरिक रूप से सोना, चांदी या बर्तन घर लाते हैं, ताकि घर में समृद्धि और खुशहाली आए. लेकिन आजकल सोने की कीमतें हर साल बढ़ती जा रही हैं और हर कोई सोना खरीदने में सक्षम नहीं होता. चिंता की कोई बात नहीं है. धनतेरस पर अन्य वस्तुएं भी मां लक्ष्मी की कृपा और घर में खुशहाली ला सकती हैं.
अगर सोना खरीदना मुश्किल है, तो चांदी का विकल्प अपनाएं. यह न सिर्फ सस्ता, बल्कि हिन्दू संस्कृति में अत्यंत शुभ माना जाता है. आप चांदी के सिक्के, दीपक या बर्तन घर ला सकते हैं. साथ ही लक्ष्मी-गणेश की चांदी की मूर्तियां भी पूजा स्थल पर रख सकते हैं.
धनतेरस पर बर्तन खरीदना केवल परंपरा नहीं, बल्कि समृद्धि का प्रतीक है. पीतल और तांबे के बर्तन घर में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और स्वास्थ्य लाभ भी देते हैं.
आजकल तकनीक के जमाने में रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन या स्मार्टफोन जैसी चीजें भी सफलता और प्रगति का प्रतीक मानी जाती हैं. अगर आप कोई नया उपकरण खरीदने का सोच रहे हैं, तो धनतेरस इसके लिए सही समय है.
यदि आप चाहते हैं कि आपका पैसा बढ़े, तो वित्तीय निवेश धनतेरस का सबसे सही विकल्प है. आप SIP शुरू कर सकते हैं, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स खरीद सकते हैं या ऑनलाइन डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं.
अगर बजट बहुत कम है, तो झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है. झाड़ू का मतलब है कि घर से नकारात्मकता और आर्थिक परेशानियां दूर होंगी.
सोना और चांदी पर धनतेरस का महत्व है, लेकिन असली मायने समृद्धि और सकारात्मकता लाने की हैं. चाहे आप सोना खरीदें या झाड़ू, सही समय पर सोच-समझ कर की गई खरीदारी मां लक्ष्मी की कृपा लाती है और घर में खुशहाली बढ़ाती है.
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