chhath puja 2025 : छठ पूजा भारत के उन पावन पर्वों में से एक है, जिसे खासकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में बड़े हर्षोल्लास और भक्ति के साथ मनाया जाता है. यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की आराधना का प्रतीक है, जिसमें श्रद्धालु निर्जला व्रत रखते हैं और उगते-डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इस पर्व के दौरान घाटों पर भक्तों की भीड़ और उनकी भक्ति का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है.
छठ पूजा का प्रमुख उद्देश्य सूर्य देव और छठी मैया की उपासना करना है. यह व्रत निर्जल रखा जाता है, यानी इस दिन कोई जल ग्रहण नहीं किया जाता. श्रद्धालु सूर्योदय और सूर्यास्त के समय घाट पर पहुंचकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इस दौरान महिलाएं सिर पर सूप रखकर फल, ठेकुआ, नारियल और दीपक लेकर पूजा में शामिल होती हैं. छठ के प्रसाद में सात्विक और स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं, जो इस पर्व की शुद्धता और पवित्रता को दर्शाते हैं.
छठ पूजा का महत्त्व केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि देश के कई हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. आइए जानते हैं ऐसे पांच प्रमुख घाटों के बारे में जहाँ छठ पूजा की धूम देखने को मिलती है.
राजधानी दिल्ली में भी छठ पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है. यमुना नदी के किनारे, विशेषकर कालिंदी कुंज और आईटीओ स्थित यमुना घाट पर हजारों श्रद्धालु सूर्योदय से पहले पूजा के लिए एकत्रित होते हैं. दिल्ली सरकार हर साल इस आयोजन को सफल बनाने के लिए उत्तम व्यवस्थाएं करती है, जिससे श्रद्धालु आसानी से पूजा कर सकें.
कोलकाता में भी छठ पूजा की अपनी एक विशेष पहचान है. हुगली नदी के बाबू घाट पर इस पर्व का भव्य आयोजन होता है. इसके अलावा रवींद्र सरोवर झील के पास भी बड़ी संख्या में भक्त जुटते हैं. यहां छठ के दौरान पारंपरिक लोक-संगीत की गूंज वातावरण को और भी भक्तिमय बना देती है.
झारखंड में छठ पूजा की धूमधाम देखने योग्य है. खासकर जमशेदपुर में सुवर्णरेखा नदी के किनारे स्थित घाट पर श्रद्धालु मिलकर सूर्य देव की पूजा करते हैं. प्राकृतिक वातावरण में दीपों की लौ और भक्ति गीतों की मधुर धुन मन को शांति प्रदान करती है.
महाराष्ट्र में भी छठ पूजा की महत्ता कम नहीं है. मुंबई के जुहू चौपाटी पर हर साल हजारों श्रद्धालु छठ का पर्व मनाते हैं. यहां वर्सोवा बीच, पवई झील, दादर चौपाटी और कुर्ला-अक्सा बीच भी छठ पूजा के लिए लोकप्रिय स्थल हैं. समुद्र के किनारे सूर्य को अर्घ्य देते हुए भक्तों की आस्था देखने लायक होती है.
वाराणसी और प्रयागराज में गंगा नदी के किनारे छठ पूजा का माहौल बहुत ही भक्तिमय होता है. अदालत घाट, अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट जैसे प्रमुख घाटों पर हजारों श्रद्धालु इकट्ठा होकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं. गंगा आरती और भक्तिपूर्ण गीत छठ पर्व को और भी सार्थक बना देते हैं.
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