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₹5 वाला पारले-जी गाजा में ₹2342 का! बच्चे की भूख और बाप का दर्द देख रो पड़े लोग, देखें Video

Viral Video: गाज़ा में युद्ध की वजह से हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि पारले-जी जैसे सस्ते बिस्किट भी अब वहां ₹2342 में बिक रहे हैं. एक वायरल वीडियो में एक पिता अपने बच्चे को महंगे दाम में बिस्किट दिलाता दिख रहा है, जिससे लोगों की भावनाएं झकझोर गईं. वहां लूट और ब्लैक मार्केटिंग के चलते आम जनता को रोजमर्रा की चीजें तक नसीब नहीं हो रहीं. भूख और कुपोषण से बच्चों की हालत बेहद खराब है. यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, कुपोषित बच्चों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है. यह सिर्फ एक बिस्किट की कीमत नहीं, गाज़ा की गं

👤 Samachaar Desk 06 Jun 2025 09:55 PM

गाजा पट्टी में जारी युद्ध ने वहां के लोगों की ज़िंदगी को पूरी तरह बदल दिया है. एक समय बच्चों की खुशी का छोटा सा जरिया रहे पारले-जी बिस्किट, आज वहां लग्ज़री आइटम बन गए हैं. एक वायरल वीडियो में एक पिता अपने बच्चे को पारले-जी का पैकेट देते दिख रहा है, जिसकी कीमत गाज़ा में अब करीब 2342 रुपये तक पहुंच चुकी है. भारत में जहां यह बिस्किट सिर्फ 5 रुपये में मिल जाता है, वहीं गाज़ा में वही पैकेट 500 गुना ज्यादा महंगा हो चुका है.

बिस्किट से झलकती है गाजा की दर्दनाक हकीकत

वीडियो पोस्ट करने वाले मोहम्मद जावेद ने लिखा, “लंबे इंतजार के बाद मैंने अपने बेटे को उसका पसंदीदा बिस्किट दिला ही दिया, चाहे कीमत कुछ भी हो.” यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई और लोगों के दिलों को छू गई. इसमें एक मासूम बच्चे की मुस्कान और एक पिता की मजबूरी साफ दिख रही थी.

लूट, ब्लैक मार्केटिंग और खाने के लिए जंग

गाजा में हालात इतने बुरे हो चुके हैं कि हर रोज़ की जरूरत की चीजें—जैसे आटा और चीनी—भी आम लोगों की पहुंच से बाहर हो चुकी हैं. आटा ₹42,000 प्रति क्विंटल और चीनी ₹900 प्रति किलो में बिक रही है. स्थानीय लोग बताते हैं कि राहत सामग्री का एक बड़ा हिस्सा आतंकियों के हाथों लुट जाता है और बाद में वही सामान ब्लैक में बेचा जाता है.

भुखमरी बना सबसे बड़ा हथियार

गाज़ा में अब बमों से ज्यादा मौतें भूख से हो रही हैं. यूएन की रिपोर्ट कहती है कि यहां कुपोषण से जूझ रहे बच्चों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है. बकरीद पर लोगों ने खंडहरों के बीच नमाज पढ़ी और इजराइल से शांति की दुआ की.

क्या भारत कुछ कर सकता है?

लोगों ने पारले जैसी भारतीय कंपनियों और भारत सरकार से अपील की है कि वे गाजा के लिए मदद भेजें. हालांकि चिंता यह है कि क्या वो मदद सही हाथों में पहुंचेगी?