वाराणसी में नवंबर की ठंड अब पूरी तरह से असर दिखाने लगी है. सुबह-शाम ही नहीं, बल्कि दोपहर में भी शीतलहर जैसी हवाएं लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर रही हैं. तापमान में लगातार गिरावट और इसके साथ बढ़ता वायु प्रदूषण काशीवासियों के लिए दोहरी चुनौती बन चुका है.
IMD से मिली जानकारी के अनुसार, वाराणसी का न्यूनतम तापमान 11°C और अधिकतम 26°C रिकॉर्ड किया गया है. यानी दिन और रात के तापमान में पूरे 15 डिग्री का अंतर देखा जा रहा है. यह तापमान गिरावट साफ संकेत देती है कि सर्दी का असली दौर शुरू हो चुका है.
लोग अब गर्म कपड़े, स्वेटर, मफलर और बंद कमरे में हीटिंग उपायों का सहारा लेते दिख रहे हैं.
ठंड के बीच बढ़ता प्रदूषण शहरवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट खड़ा कर रहा है. कुछ दिनों पहले वाराणसी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 550 के पार पहुंच गया था जो ‘सीवियर’ कैटेगरी में आता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड और प्रदूषण का कॉम्बिनेशन स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेह होता है.
डॉक्टरों ने कड़ी सलाह दी है कि इस मौसम में विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए:
एक्सपर्ट्स के अनुसार, तेज ठंड और बढ़ते प्रदूषण से संक्रमण और वायरल बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले सप्ताह वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में कड़ाके की ठंड पड़ेगी. इसके साथ ही घना कोहरा भी पड़ने की संभावना है.
यानी आने वाले दिन वाराणसी के लिए और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं.
ठंड और प्रदूषण के बीच काशी को इस समय बड़ी सावधानी की जरूरत है. तापमान में गिरावट, धुंध और बढ़ते AQI ने लोगों की दिनचर्या और स्वास्थ्य दोनों पर असर डालना शुरू कर दिया है. ऐसे में मेडिकल सलाह और सतर्कता अपनाना बेहद जरूरी है ताकि मौसम के इस कठिन दौर से सुरक्षित निकला जा सके.
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