उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और चुनाव आयोग (EC) पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि BJP आगामी चुनावों को प्रभावित करने के लिए “संगठित अभियान” चला रही है और विपक्ष के वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं.
अखिलेश यादव ने दावा किया कि जहां-जहां 2024 लोकसभा चुनाव में INDIA गठबंधन जीता है, वहां हर विधानसभा सीट से 50,000–50,000 वोट काटने की योजना BJP और चुनाव आयोग मिलकर बना रहे हैं. उनके अनुसार, कन्नौज समेत कई जिलों में अधिकारियों की टीम लगाई गई है जो मतदाता सूचियों में हेरफेर कर रही है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश ने कन्नौज की एसडीएम से हुई कथित बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सुनवाई और कहा, “BJP वाले जीतने के लिए कुछ भी कर रहे हैं. इनके निशाने पर कन्नौज भी आ गया है. हमें बेहद सावधान रहना होगा.”
अखिलेश यादव ने SIR प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, बीएलओ घर-घर नहीं जा रहे हैं वे सिर्फ चुनिंदा इलाकों—खासकर BJP समर्थक क्षेत्रों—में काम कर रहे हैं दलित, पिछड़े, मुस्लिम और गरीब इलाकों में बीएलओ नहीं पहुंच रहे गणना प्रपत्र मांगने पर बीएलओ बहाने बनाते हैं या सिर्फ व्हाट्सएप से भेजने की बात करते हैं
उन्होंने यह भी दावा किया कि 2003 की मतदाता सूची से बड़ी संख्या में नाम गायब हैं, जबकि चुनाव आयोग कह रहा है कि 98.4% प्रपत्र बांटे जा चुके हैं.
अखिलेश यादव ने केंद्र की नीतियों पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि:
उन्होंने आरोप लगाया कि नए श्रम कानून भी उद्योगपतियों के कहने पर बनाए गए और सरकार विरोध की हर आवाज को “देशद्रोही” बताने में लगी है.
अखिलेश ने व्यंग्य करते हुए कहा कि जब BJP 2047 का सपना दिखा सकती है, तो सपा भी 2147 का घोषणा पत्र जारी करेगी. उन्होंने सैफई मंदिर के विवाद का भी जिक्र किया और बताया कि कैसे उनके पूर्व विधायक पर 32,000 रुपये का “झूठा मुकदमा” दर्ज कराया गया.
अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं को चेताया कि यह चुनाव बेहद रणनीतिक तरीके से लड़ना होगा. उन्होंने कहा, “हमें BJP की ‘कांटे से कांटा निकालने’ वाली रणनीति याद रखनी है और उसी तरह मुकाबला करना है.”
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