पंजाब में लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ की वजह से हालात गंभीर होते जा रहे हैं। पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने न केवल पंजाब बल्कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ तक की स्थिति को बिगाड़ दिया है। खासतौर पर पंजाब के मैदानी इलाकों और गाँवों में बाढ़ का असर ज्यादा दिख रहा है।
पंजाब के 23 जिलों में से लगभग 1400 से ज्यादा गाँव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। गाँवों और कस्बों में पानी भरने से आम लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है। सड़कों और पुलों पर भी पानी भरने से यातायात बाधित हो गया है।
इन हालातों को देखते हुए पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और पॉलिटेक्निक संस्थान 7 सितंबर 2025 तक बंद रहेंगे। यह आदेश सरकारी, निजी, मान्यता प्राप्त और सहायता प्राप्त सभी संस्थानों पर लागू होगा।
चंडीगढ़ प्रशासन ने भी इसी आदेश का पालन करते हुए सभी स्कूलों को 7 सितंबर तक बंद रखने की घोषणा की है। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि छात्रों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है। यही कारण है कि छुट्टियों की अवधि को बढ़ा दिया गया है।
प्रशासन ने छात्रावासों (Hostels) में रहने वाले छात्रों की सुरक्षा और उनकी मूलभूत सुविधाओं जैसे भोजन, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की जिम्मेदारी संबंधित संस्थानों को सौंप दी है।
लोगों से अपील की गई है कि वे स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें और सतर्क रहें। खासतौर पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
कुल मिलाकर, पंजाब सरकार ने छात्रों और अभिभावकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह बड़ा कदम उठाया है। भारी बारिश और बाढ़ की मौजूदा स्थिति को देखते हुए स्कूल और कॉलेजों को बंद करना जरूरी माना गया है। प्रशासन का कहना है कि हालात सामान्य होने पर ही संस्थान दोबारा खोले जाएंगे।
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