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मंत्री हरजोत बैंस और भाषा विभाग निदेशक को श्री अकाल तख्त साहिब ने 1 अगस्त को तलब किया

श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व पर श्रीनगर में पंजाब सरकार द्वारा आयोजित आपत्तिजनक कार्यक्रम को लेकर सिख समुदाय में नाराजगी है।

👤 Saurabh 26 Jul 2025 04:41 PM

पंजाब सरकार द्वारा श्रीनगर में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व पर आयोजित एक कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सिख संगत और धार्मिक संगठनों की ओर से इस कार्यक्रम की आलोचना की जा रही है, क्योंकि इसमें नाच-गाना और मनोरंजन जैसी गतिविधियाँ शामिल थीं, जो धार्मिक अवसर की गरिमा के अनुकूल नहीं मानी जातीं।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने पंजाब के कैबिनेट मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस और भाषा विभाग के निदेशक स. जसवंत सिंह को 1 अगस्त, 2025 को श्री अकाल तख्त साहिब में होने वाली पंज सिंह साहिबानों की बैठक में तलब किया है। दोनों अधिकारियों से कहा गया है कि वे बैठक में आकर अपनी सफाई पेश करें और इस मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट करें।

जत्थेदार गर्गज ने कहा कि इतने समय बीतने के बावजूद ना तो मंत्री हरजोत सिंह और ना ही जसवंत सिंह ने अब तक इस मामले में कोई सफाई दी है, और ना ही सिख समुदाय से माफी मांगी है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी पदों पर बैठे लोगों से उम्मीद की जाती है कि वे समाज की भावनाओं का सम्मान करें। इस मामले में उनकी चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।

जत्थेदार ने यह भी बताया कि यह पहली बार है कि किसी गुरु साहिब की शहादत को याद करने के लिए आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत नाच-गाने जैसे अनावश्यक कार्यक्रमों से हुई है। उन्होंने कहा कि यह सिख परंपराओं और भावनाओं के खिलाफ है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

इस मामले में प्रसिद्ध गायक बीर सिंह पर भी शिकायतें मिली हैं। बीर सिंह ने हाल ही में श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचकर माफी मांगी है, लेकिन फिर भी उनके मामले पर 1 अगस्त को होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी।

श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय के इंचार्ज स. बगीचा सिंह ने बताया कि मंत्री हरजोत सिंह और निदेशक जसवंत सिंह को पत्र भेजकर 1 अगस्त की बैठक में हाज़िर होने के लिए कहा गया है। इस बैठक में पंथक और धार्मिक मामलों पर गहन चर्चा की जाएगी और आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

यह मामला अब पूरे सिख समाज की भावना से जुड़ा हुआ है, और सभी की निगाहें 1 अगस्त को होने वाली इस अहम बैठक पर टिकी हैं।