पंजाब में एक नई राजनीतिक जंग छिड़ गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के विशेष अधिकारी (OSD) राजबीर सिंह ने कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैहरा को मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा है। इस नोटिस में खैहरा से 72 घंटे के भीतर सार्वजनिक और लिखित रूप से माफी मांगने की मांग की गई है।
राजबीर सिंह का आरोप है कि खैहरा ने उनके खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाए हैं, जिससे उनकी साख को गहरा नुकसान हुआ है। OSD ने साफ किया है कि अगर खैहरा सोमवार तक माफी नहीं मांगते, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
यह मामला तब उभरा जब कांग्रेस विधायक खैहरा ने पंजाब पुलिस के लिए खरीदी गई 144 टोयोटा हाइलक्स गाड़ियों को लेकर सरकार पर बड़ा आरोप लगाया। खैहरा ने दावा किया कि इन गाड़ियों की खरीद में करीब 15 से 20 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर खरीदारी होने के बावजूद किसी भी प्रकार की छूट नहीं ली गई, जिससे संदेह होता है कि यह एक घोटाला है।
खैहरा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आम आदमी पार्टी, मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस खरीद पर चुप क्यों हैं? उन्होंने मीडिया की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और पूछा कि क्या मुख्यधारा की मीडिया भी इस पूरे मामले में शामिल है?
सिर्फ गाड़ियों की खरीद ही नहीं, खैहरा ने पंजाब सरकार की नई लैंड पूलिंग नीति को भी जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति पंजाब के लोगों से ज़मीनें छीनकर बाहरी लोगों को बसाने की साजिश है। उन्होंने कहा कि सरकार दिल्ली के दागी नेताओं और जमीन माफिया के साथ मिलकर पंजाबियों को उजाड़ने की कोशिश कर रही है।
खैहरा ने तीखा आरोप लगाते हुए कहा, “यह नीति फर्जी क्रांतिकारियों द्वारा चलाई जा रही है। पंजाब के युवा विदेश जा रहे हैं, और सरकार बाहरी लोगों को पंजाब में बसा रही है।”
इस पूरे विवाद ने पंजाब की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। जहां आम आदमी पार्टी और उसके नेता खैहरा के बयानों को बदनाम करने की साजिश बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस विधायक सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे।