पंजाब में अब बिजली बिलिंग सिस्टम को पूरी तरह से पारदर्शी और तकनीक आधारित बनाया जा रहा है। पावरकॉम ने मीटर रीडिंग में गलतियों और जानबूझकर की जाने वाली छेड़छाड़ को रोकने के लिए नया ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (OCR) सिस्टम शुरू कर दिया है। यह सिस्टम बिलिंग प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बना देगा।
पंजाब सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति माह 300 यूनिट बिजली मुफ्त देती है। लेकिन यदि किसी उपभोक्ता की खपत 300 यूनिट से ज़्यादा हो जाती है, तो उसे पूरा बिल चुकाना पड़ता है।
इसी वजह से पिछले कुछ समय से शिकायतें आ रही थीं कि कुछ जगहों पर मीटर रीडिंग को जानबूझकर ऊपर-नीचे कर दिया जाता है। गलत रीडिंग की वजह से गलत बिल बन जाते हैं। इससे सरकार को आर्थिक नुकसान होता है और उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ती है।
अब नए OCR सिस्टम में मीटर रीडर को रीडिंग हाथ से दर्ज नहीं करनी होगी। इसके बजाय वह मीटर की एक साफ फोटो लेगा। सिस्टम उस फोटो में लिखे नंबर को अपने आप पहचानकर बिल तैयार कर देगा।
मानवीय गलती खत्म
जानबूझकर गलत रीडिंग डालने की संभावना समाप्त
बिलिंग प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी
जहाँ मोबाइल नेटवर्क या फोटो लेने में दिक्कत होगी, वहाँ मीटर को मशीन से जोड़कर सीधे सिस्टम में रीडिंग फीड हो जाएगी।
मीटर रीडिंग का ठेका फ्यूजन नामक कंपनी को दिया गया है। उसे निर्देश दिए गए हैं कि OCR सिस्टम को पूरी तरह और तुरंत लागू किया जाए। हालाँकि, नई कंपनी के सिस्टम को सेट होने में कुछ समय लग रहा है, इसलिए बीच में कुछ उपभोक्ता शिकायतें भी सामने आई हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नया सिस्टम लागू होने के बाद गलत बिल बनने की समस्या खत्म होगी। उपभोक्ता अपनी रीडिंग खुद मिलान कर पाएंगे। दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत कम पड़ेगी। बिजली चोरी पर भी आगे कड़ा नियंत्रण लगाया जाएगा।
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