पंजाब के फरीदकोट जिले में मंगलवार को एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना हुई। एक गाँव में तीन बाइक सवार बदमाशों ने एक कार पर गोलियां बरसा दीं। कार चला रहे 30 साल के यादविंदर सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। यह हमला एक धार्मिक कार्यक्रम से लौटते वक्त हुआ।
कौन था यादविंदर?
यादविंदर पंजाब के मोहाली का रहने वाला था और पहले कुछ समय तक जीवनजोत सिंह उर्फ 'जुगनू' का ड्राइवर रह चुका था। जुगनू वही शख्स है जिसका नाम कभी सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में आया था, हालांकि बाद में उसे निर्दोष बताया गया।
हमला कैसे हुआ?
गाँव में एक बुज़ुर्ग के गुरुद्वारे में धार्मिक कार्यक्रम था। जुगनू और यादविंदर भी इसमें शामिल हुए थे। कार्यक्रम के बाद जैसे ही लोग गाड़ियों की ओर बढ़े, तीन बाइक सवारों ने अचानक यादविंदर की एंडेवर कार पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। यादविंदर की मौके पर मौत हो गई, लेकिन जुगनू बच गया क्योंकि वह दूसरी गाड़ी से निकला था।
पुलिस का मानना है कि असली निशाना जुगनू था, लेकिन वह बच गया। पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई है।
जिम्मेदारी किसने ली?
पंजाब के कुख्यात गैंगस्टर लकी पटियाल ने इस हत्या की जिम्मेदारी सोशल मीडिया पर ली है। हालांकि पुलिस और न्यूज़ चैनल इस दावे की पुष्टि नहीं कर रहे।
क्या ये गैंगवार है?
इस घटना ने एक बार फिर गैंगस्टर, राजनीति और अपराध के त्रिकोण को उजागर कर दिया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या सिद्धू मूसेवाला केस से जुड़े लोगों को एक-एक कर निशाना बनाया जा रहा है, या ये गैंगस्टरों की आपसी लड़ाई है?
जुगनू का क्या कहना है?
जुगनू ने कहा कि उसकी किसी से दुश्मनी नहीं है और न ही उसे कोई धमकी मिली थी। उसने यादविंदर को हाल ही में ड्राइवर के तौर पर रखा था। पुलिस अब पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।
कुल मिलाकर:
यह घटना न सिर्फ दुखद है, बल्कि पंजाब में लगातार बढ़ रही गैंगवार और खुली चुनौतियों को भी उजागर करती है। पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं कि अपराधियों को कैसे इतनी हिम्मत हो गई कि वे दिनदहाड़े हत्या कर जाएँ।