Contact lenses in winter: आजकल हमारी लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है कि आंखों पर बहुत दबाव पड़ता है. लंबा स्क्रीन टाइम, पोषक तत्वों की कमी और अनियमित दिनचर्या की वजह से भारत में करीब 23% लोग आंखों की कमजोर हालत से जूझ रहे हैं. कुछ लोग चश्मा पहनते हैं, तो कई लोग कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं. आंखें शरीर का सबसे नाजुक हिस्सा होती हैं, इसलिए इनकी देखभाल में कोई भी गलती गंभीर हो सकती है.
सर्दियों में कॉन्टैक्ट लेंस पहनना सुरक्षित है, लेकिन हर किसी की आंखों की स्थिति अलग होती है. इसलिए लेंस लेने या पहनने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो सर्दियों में लेंस से कोई गंभीर नुकसान नहीं होता.
सर्दियों में हवा बहुत शुष्क होती है, जिससे आंखें जल्दी ड्राई हो जाती हैं. कॉन्टैक्ट लेंस भी आंखों को ड्राई कर सकते हैं. इस वजह से दिन में 2-3 बार लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप या ऑर्टिफिशियल टियर्स का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे आंखों में नमी बनी रहती है और जलन कम होती है.
सर्दियों में अक्सर लोग हाथ धोने की बजाय सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन लेंस लगाने से पहले हाथ को पानी से अच्छी तरह धोना जरूरी है. सैनिटाइजर में मौजूद अल्कोहल और केमिकल्स आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
ठंड से बचने के लिए लोग हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो इनका सीधा संपर्क आंखों की नमी कम कर सकता है. इससे जलन, चुभन और इरिटेशन हो सकती है. इसलिए लेंस पहनकर हीटर या ब्लोअर के पास लंबे समय तक न बैठें.
सर्दियों में आंखें जल्दी ड्राई होती हैं। इसलिए 7-8 घंटे से ज्यादा लेंस पहनने से बचें. अगर जरूरत हो तो बीच में लेंस निकालकर आंखों को आराम दें. अगर लेंस पहनने के दौरान आंखों में जलन, चुभन या लालपन हो तो लेंस तुरंत उतार दें. इसके अलावा अपनी डाइट का भी ख्याल रखें. ओमेगा-3 (अखरोट, अलसी, मछली), विटामिन A (गाजर, पालक, शकरकंद) और विटामिन E (बादाम, मूंगफली) से आंखों की सेहत बेहतर रहती है.
सर्दियों में कॉन्टैक्ट लेंस पहनना सुरक्षित है, लेकिन सही सावधानी जरूरी है. हाथ साफ करना, आंखों में नमी बनाए रखना, ज्यादा देर तक लेंस न पहनना और हीटर/ब्लोअर से दूरी बनाना मददगार साबित होता है. साथ ही सही डाइट और डॉक्टर की सलाह से आंखों की सेहत बनी रहती है.
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