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Heart Attack : बच्चों में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ रहा है? अभी हो जाएं सतर्क..!

दिल की बीमारी अब बच्चों में भी तेजी से बढ़ रही हैं. महाराष्ट्र में 10 साल के बच्चे की हार्ट अटैक से मौत ने चेतावनी दी है कि हमें बच्चों की डाइट, लाइफस्टाइल और हेल्थ चेकअप पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है.

👤 Samachaar Desk 08 Sep 2025 08:12 PM

दिल की बीमारियां पहले ज्यादातर बुजुर्गों तक सीमित मानी जाती थीं, लेकिन अब ये समस्या बच्चों और युवाओं तक पहुंच चुकी है. हाल ही में महाराष्ट्र में 10 साल के एक बच्चे की खेलते समय अचानक हार्ट अटैक से मौत ने सभी को चौंका दिया. यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि दिल की बीमारियां अब उम्र देखकर हमला नहीं करतीं.

क्यों हो रहा है बच्चों में हार्ट अटैक?

अनहेल्दी लाइफस्टाइल: जंक फूड और शुगर युक्त पेय का ज्यादा सेवन.

फिजिकल एक्टिविटी की कमी: घंटों मोबाइल और टीवी पर समय बिताना.

जेनेटिक कारण: परिवार में पहले से दिल की बीमारी का इतिहास होना.

मोटापा और ब्लड प्रेशर: बचपन में ही मोटापा बढ़ना, हाई बीपी या डायबिटीज की शुरुआत.

किन लक्षणों पर दें ध्यान

अगर आपको अचावक खेलते या दौड़ते समय अचानक चक्कर आता है तो ये बार्ट अटैक का साइन हो सकता है. 

अगर आपकी तेज धड़कन और सांस फूल रही है तो सतर्क हो जाएं.

अगर सीने में दर्द या बेचैनी जैसा लग रहा है तो अपने आप को डॉक्टर को दिखाएं.

ज्यादा थकान या कमजोरी जैसा लग रहा है तो थोड़ा अपना ख्याल रखें.

इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है.

बचाव के उपाय

बच्चों को हेल्दी डाइट दें और जंक फूड सीमित करें. ताकि उन्हें हार्ट की कोई दिक्कत न हो और वो स्वस्थ रह सकें.

रोजाना कम से कम एक घंटा शारीरिक गतिविधि करवायें. ऐसा करने से आपका शरीर फिट रहेगा.

स्क्रीन टाइम पर नियंत्रण रखें. ज्यादा देर तक टीवी या फोन न देखें.

नियमित हेल्थ चेकअप करायें, खासकर अगर परिवार में हार्ट डिजीज का इतिहास हो. जरा भी िन मामलों में देर न करें.

नतीजा

हार्ट अटैक अब सिर्फ उम्रदराज लोगों की बीमारी नहीं रही, बल्कि यह बच्चों को भी अपना शिकार बना सकती है. जरूरी है कि माता-पिता अपने बच्चों की दिनचर्या, खानपान और शारीरिक सक्रियता पर ध्यान दें ताकि भविष्य में गंभीर स्थितियों से बचा जा सके.