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ड्रोन, धमाके और तबाही: ईरान-इजराइल में खुला युद्ध

ईरान और इजराइल के बीच लंबे समय से चल रहा तनाव अब खुलकर युद्ध में बदल गया है। शुक्रवार को इजराइल ने

👤 Sagar 13 Jun 2025 03:05 PM

ईरान और इजराइल के बीच पहले भी कई बार छोटी-मोटी झड़पें होती रही हैं, लेकिन शुक्रवार को इजराइल ने जो बड़ा हमला ईरान पर किया, उसने पूरी दुनिया को चौंका दिया। इस बार इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों, मिसाइल फैक्ट्रियों और सैन्य अड्डों को निशाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। इससे ईरान को भारी नुकसान हुआ और कई बड़े सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए। यह हमला इतना बड़ा था कि इसे देखकर पूरी दुनिया हैरान रह गई।

इस हमले के जवाब में ईरान ने भी इजराइल की तरफ 100 से ज्यादा ड्रोन भेजे। दोनों देशों में अब हालात बेहद तनावपूर्ण और खतरनाक हो गए हैं।

इस हमले से यह साफ हो गया है कि अब टकराव सिर्फ बयानबाजी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सीधा सैन्य संघर्ष बन गया है। दुनिया भर के देश इस हालात पर नजर रखे हुए हैं, क्योंकि यह संघर्ष पूरे मध्य-पूर्व को अस्थिर कर सकता है।

इजराइल और ईरान के बीच हालात बहुत तनावपूर्ण हो गए हैं। बता दें कि इजराइल ने रातभर "ऑपरेशन राइजिंग लॉयन" के तहत ईरान पर कई हवाई हमले किए। इन हमलों में ईरान के कई परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया।

ईरानी मीडिया के मुताबिक, इन हमलों में ईरान की सेना के बड़े अधिकारी, जैसे रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के चीफ होसैन सलामी और जनरल मोहम्मद बाघेरी, समेत कई कमांडर और 6 परमाणु वैज्ञानिक मारे गए।

इसके जवाब में, ईरान ने 100 से ज्यादा ड्रोन इजराइल की तरफ भेजे। इजराइल ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए अपनी सीमाओं से बाहर ही कुछ ड्रोन को रोक दिया। इस हमले के बाद तेल अवीव समेत कई शहरों में हवाई हमले के सायरन बजने लगे और लोग बंकरों में भागने लगे।

इज़राइल ने उन इलाकों से लोगों को हटाना शुरू कर दिया है जहां हमले की आशंका है। साथ ही, यमन से मिसाइल हमले की भी जानकारी मिली है।

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम, मिसाइल कारखानों और सैन्य ठिकानों को खत्म करने के लिए यह हमला जरूरी था। उन्होंने इसे "लक्षित सैन्य अभियान" बताया और कहा कि यह तब तक जारी रहेगा जब तक ईरान से खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता।

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इज़राइल को चेतावनी देते हुए कहा कि इस हमले का "कड़वा और दर्दनाक अंजाम" होगा।

इस पूरे घटनाक्रम के बीच अमेरिका ने भी साफ कर दिया है कि वह किसी भी हाल में ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देगा, और उसने अपने सैनिकों को मिडिल ईस्ट से हटाना शुरू कर दिया है।

नेतन्याहू ने यह भी दावा किया कि ईरान ने नौ परमाणु बमों के लिए जरूरी यूरेनियम बना लिया है, जो दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।