हाल ही में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बयान दिया, जिसने भारतीय राजनीति में जबरदस्त हंगामा मचा दिया। राहुल ने कहा कि खुद को हिंदू कहने वाले लोग 24 घंटे हिंसा और नफरत करते हैं, और ऐसे लोग वास्तव में हिंदू हो ही नहीं सकते। इस बयान के बाद संसद में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं, खासकर सत्ता पक्ष की ओर से।
राहुल के इस बयान पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने जोरदार विरोध किया। वे खड़े होकर हल्ला मचाने लगे, जिससे सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया। सत्ता पक्ष के सांसदों का कहना था कि राहुल का यह बयान पूरे हिंदू समाज को अपमानित करने वाला है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खड़े हुए और उन्होंने इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना एक गंभीर विषय है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। उनका कहना था कि राहुल गांधी का यह बयान न केवल अनुचित है, बल्कि समाज में विभाजन की भावना को बढ़ावा देने वाला भी है। मोदी ने यह भी कहा कि ऐसे बयान भारतीय संस्कृति और सभ्यता के खिलाफ हैं और इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता।
प्रधानमंत्री मोदी के बयान के जवाब में राहुल गांधी ने अपनी बात स्पष्ट की। राहुल ने कहा कि बीजेपी और नरेंद्र मोदी पूरा हिंदू समाज नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आरएसएस भी पूरा हिंदू समाज नहीं है। राहुल का कहना था कि वे केवल उन लोगों की बात कर रहे थे जो हिंसा और नफरत को बढ़ावा देते हैं और खुद को हिंदू कहते हैं। राहुल ने स्पष्ट किया कि उनका बयान पूरे हिंदू समाज के खिलाफ नहीं था, बल्कि उन तत्वों के खिलाफ था जो धर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं।