बीते एक सप्ताह से पंजाब बाढ़ की भयंकर स्थिति का सामना कर रहा है. कई इलाके पानी में डूब गए हैं और लोगों का जीवन कठिन हो गया है. अब केंद्र सरकार भी स्थिति पर नजर रख रही है और अलर्ट मोड में है.
चीन में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से लौटते ही पीएम मोदी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को फोन किया. उन्होंने राज्य में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली और हरसंभव मदद का भरोसा दिया. सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी जल्द ही एक हाईलेवल बैठक बुलाएंगे जिसमें पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण उत्पन्न हालात पर चर्चा होगी. इस बैठक में बचाव कार्यों के निर्देश और राहत राशि के ऐलान की संभावना है.
पंजाब सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर 60 हजार करोड़ रुपये की आपात राहत की मांग की थी. अब तक भाजपा के किसी शीर्ष नेता या केंद्रीय मंत्री ने पंजाब का दौरा नहीं किया है. बाढ़ के चलते 29 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 1000 गांव बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं.
पंजाब सरकार ने केंद्र से अपील की है कि बाढ़ को आपदा माना जाए और पूरे राज्य को प्रभावित क्षेत्र घोषित किया जाए. इससे राहत और बचाव कार्यों में आसानी होगी. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के किसानों और प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद करेगी.
हरियाणा में लगातार बारिश जारी है और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. भिवानी प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर सभी स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने का आदेश दिया. निजी और सरकारी सभी स्कूलों को बंद रखने के निर्देश जारी किए गए हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि पंजाब और हरियाणा में बाढ़ की स्थिति अभी पूरी तरह नियंत्रण में नहीं है. प्रशासन और सरकार के संयुक्त प्रयासों से ही राहत और बचाव कार्य प्रभावी ढंग से किए जा सकते हैं. आम जनता से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें.
बाढ़ की इस तबाही ने पंजाब और हरियाणा में हालात को चुनौतीपूर्ण बना दिया है. अब यह देखना बाकी है कि केंद्र की हाईलेवल बैठक और राहत कार्य कितनी जल्दी प्रभावित लोगों तक मदद पहुंचा पाएंगे.
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