देश के नए उपराष्ट्रपति को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज है, लेकिन अब भाजपा के शीर्ष सूत्रों ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में साफ कर दिया है कि यह जिम्मेदारी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को दी जाएगी, जो लंबे समय से संगठन और विचारधारा से जुड़े रहे हैं. पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के बाद इस पद को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे, जिनमें जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार का नाम भी शामिल था, लेकिन अब इन अटकलों पर पार्टी ने पूर्ण विराम लगा दिया है.
भाजपा ने यह भी स्पष्ट किया है कि उपराष्ट्रपति पद को लेकर उसने किसी सहयोगी दल से कोई बातचीत नहीं की है और पार्टी पूरी तरह से अपने वरिष्ठ नेता को आगे लाने की तैयारी में है. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने भी इस संवैधानिक पद के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही तारीखों की घोषणा की जाएगी.
हाल ही में जेडीयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात ने अटकलों को हवा दी थी कि क्या नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है. लेकिन भाजपा सूत्रों ने NDTV को बताया कि यह एक सामान्य मुलाकात थी और इसे उपराष्ट्रपति चुनाव से जोड़ना बेबुनियाद है. पार्टी ने स्पष्ट किया कि 'भाजपा की विचारधारा से जुड़े किसी वरिष्ठ नेता को ही यह पद दिया जाएगा.
चुनाव आयोग ने शुरू की तैयारियां चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। आयोग ने प्रेस नोट में बताया कि औपचारिक घोषणा से पहले कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं शुरू हो चुकी हैं, जिनमें शामिल हैं लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित व मनोनीत सदस्यों की सूची तैयार करना
अब तक हुए उपराष्ट्रपति चुनावों की पृष्ठभूमि सामग्री तैयार करना और साझा करना
विपक्ष अभी तक सन्नाटा, लेकिन मुकाबला तय
विपक्ष की ओर से अब तक किसी भी नाम की घोषणा नहीं की गई है. हालांकि इतिहास पर नजर डालें तो अब तक 16 में से केवल 4 उपराष्ट्रपति चुनाव ही बिना मुकाबले के हुए हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि विपक्ष भी जल्द कोई नाम आगे ला सकता है और मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, लेकिन उन्होंने अचानक इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक मामला केवल स्वास्थ्य का नहीं था. दरअसल, उन्होंने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था, जो सरकार के लिए असहज करने वाला फैसला था.
सूत्रों के मुताबिक, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने किसान मुद्दों पर सार्वजनिक मंच से कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल किए थे, जो सरकार को नागवार गुजरा। इसके बाद सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए कि यदि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया, तो उनके खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता था.
कुछ राजनीतिक हलकों में यह अटकलें लगाई गई थीं कि बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा अपने सहयोगी जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बना सकती है, लेकिन भाजपा सूत्रों ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है. "भाजपा ने न तो नीतीश कुमार से बात की है, न ही जेडीयू नेतृत्व से किसी तरह की चर्चा की गई है.'