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Gandhi Jayanti : क्या आप जानते हैं? गांधीजी के जीवन की ये तीन महिलाएं थीं उनकी सबसे बड़ी ताकत!

महात्मा गांधी के जीवन में मीराबेन, सरोजिनी नायडू और पत्नी कस्तूरबा गांधी ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया. इन महिलाओं ने उनके सत्य और अहिंसा के संघर्ष को मजबूती दी.

👤 Samachaar Desk 02 Oct 2025 07:55 PM

हर साल 2 अक्टूबर को भारत में महात्मा गांधी का जन्मदिन “गांधी जयंती” के रूप में मनाया जाता है. गांधी जी के आदर्श सत्य और अहिंसा आज भी सभी के लिए प्रेरणा बने हुए हैं. उनके जीवन में कई ऐसे लोग आए जिन्होंने उन्हें महात्मा गांधी बनने तक का सफर आसान बनाया. खासकर महिलाओं का उनके जीवन में अहम योगदान रहा. आइए जानते हैं गांधी जी के जीवन में आई तीन महत्वपूर्ण महिलाओं के बारे में, जिनका उनके संघर्ष और जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा.

मीराबेन: गांधी जी की दुलारी बेटी

मैडलिन स्लेड, एक ब्रिटिश महिला, जो 1892 में इंग्लैंड के एक सम्मानित परिवार में जन्मीं, महात्मा गांधी से इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने अपना जीवन गांधी के साथ बिताने का संकल्प लिया. 1925 में वह अहमदाबाद पहुंचीं और गांधी जी से पहली मुलाकात के बाद उनसे अपने पिता जैसा व्यवहार पाने लगीं. गांधी जी ने उन्हें ‘मीराबेन’ नाम दिया, जिसका मतलब होता है 'मीराबाई की बहन'. मीराबेन ने गांधी के आश्रम में रहकर उनके कई आंदोलनों में सक्रिय रूप से योगदान दिया और आजादी की लड़ाई में उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ निभाया.

सरोजिनी नायडू: गांधी जी की दोस्त और सहयोगी

सरोजिनी नायडू, जिन्हें 'भारत कोकिला' के नाम से जाना जाता है, महात्मा गांधी की बेहद करीबी मित्र और राजनीतिक सहयोगी थीं. इंग्लैंड में पहली बार गांधी जी से मिलने के बाद उनका स्वभाव देख सरोजिनी ने उन्हें ‘मिकी माउस’ जैसे प्यार भरे उपनाम दिए. गांधी जी भी उन्हें ‘डियर बुलबुल’ और ‘डियर मीराबाई’ कहकर पुकारते थे. करीब 30 सालों तक दोनों ने एक-दूसरे के साथ काम किया और देश की आजादी के लिए सहयोग दिया. उनकी दोस्ती में ह्यूमर और सम्मान की गहराई थी, जिसने दोनों के रिश्ते को मजबूत बनाया.

कस्तूरबा गांधी: जीवन साथी और आंदोलन की अगुवाई

गांधी जी की पत्नी कस्तूरबा गांधी का उनके जीवन और संघर्ष में अहम योगदान रहा. शादी के बाद, जब गांधी जी विदेश गए तो कस्तूरबा ने उनकी हर कोशिश में साथ दिया. उन्होंने न केवल पति का सहयोग किया, बल्कि महिलाओं को स्वतंत्रता संग्राम में जोड़ने और उन्हें जागरूक करने का काम भी किया. कस्तूरबा की मजबूती और समर्पण ने गांधी जी के आंदोलनों को और मजबूती दी, जिससे महिलाओं की भूमिका भी प्रभावशाली बनी.

महात्मा गांधी के जीवन में ये तीन महिलाएं- मीराबेन, सरोजिनी नायडू और कस्तूरबा गांधी उनकी प्रेरणा और संघर्ष के महत्वपूर्ण स्तंभ रहीं.