अहमदाबाद के एक निजी स्कूल में 10वीं कक्षा के छात्र की हत्या ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है. मंगलवार, 19 अगस्त को हुई इस घटना में उसी स्कूल में पढ़ने वाले 8वीं कक्षा के छात्र ने चाकू घोंपकर अपने सहपाठी की हत्या कर दी. घटना के बाद से शहर में तनाव का माहौल है और लगातार विरोध-प्रदर्शन जारी हैं.
इस घटना के विरोध में 21 अगस्त को एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस और स्थानीय संगठनों ने प्रदर्शन किया. वहीं विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने शहर बंद का आह्वान किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान कई जगह झड़पें हुईं और पुलिस को स्थिति संभालने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा. पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है.
पीड़ित परिवार और प्रदर्शनकारियों ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि घायल छात्र को समय पर अस्पताल नहीं भेजा गया. एम्बुलेंस बुलाने के बजाय उसे रिक्शे से अस्पताल ले जाया गया, जिससे लोगों का गुस्सा और भड़क गया. साथ ही आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने घटना स्थल को जल्दबाजी में साफ कर दिया ताकि स्कूल की लापरवाही उजागर न हो सके.
VIDEO | Ahmedabad, Gujarat: NSUI, school students, along with locals, stage a protest against the murder of a student at a private school.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 21, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/4VXBoPleQ6
प्रदर्शन में शामिल छात्र तरंग ने बताया कि पीड़ित छात्र का शव आधे घंटे तक स्कूल में ही पड़ा रहा और शिक्षकों ने कोई मदद नहीं की. उन्होंने स्कूल पर झूठ बोलने और जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया. अभिभावक भी गुस्से में हैं और प्रशासन से स्कूल पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
पुलिस ने आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया है और बताया कि वारदात के बाद स्कूल में तोड़फोड़ भी हुई. स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिस का कहना है कि शहर में शांति बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि मामला सांप्रदायिक रंग लेता जा रहा है.
गुजरात के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पनशेरिया ने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने भरोसा दिलाया कि स्कूल प्रशासन की भूमिका की भी जांच होगी.
फिलहाल अहमदाबाद का माहौल तनावपूर्ण है और पुलिस हर गतिविधि पर करीबी नजर बनाए हुए है. यह घटना न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी और लापरवाही को भी कटघरे में खड़ा करती है.
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