केंद्र सरकार के करीब 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. लंबे समय से जिस फैसले का इंतजार किया जा रहा था, उस पर अब मुहर लग चुकी है. केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को औपचारिक मंजूरी दे दी है.
सरकार ने बताया कि जस्टिस रंजन आयोग के चेयरमैन होंगे. इसके अलावा आईआईएम बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) के सचिव पंकज जैन को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है. इस आयोग का काम केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के वेतन ढांचे की समीक्षा करना और सुधार के सुझाव देना होगा.
आठवें वेतन आयोग को अपनी सिफारिशें तैयार करने और सरकार को सौंपने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है. यानी यह रिपोर्ट 2026 के मध्य तक सरकार को मिल जाएगी. इसके बाद केंद्र सरकार इसकी समीक्षा कर इसे लागू करेगी. माना जा रहा है कि वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी साल 2027 से लागू हो सकती है.
कैबिनेट की बैठक के बाद जारी नोट में कहा गया है कि आयोग में एक अध्यक्ष, एक पार्ट टाइम सदस्य और एक सचिव शामिल होंगे. यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, भत्तों और अन्य वित्तीय लाभों पर अपनी सिफारिशें देगा.
NC-JCM (स्टाफ साइड) के सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि 8वें वेतन आयोग को लागू करने में भले थोड़ी देरी हो, लेकिन इसे 1 जनवरी 2026 से प्रभावी माना जाएगा.
इसका मतलब है कि अगर देरी होती है, तो कर्मचारियों को 2027 में एरियर के साथ बढ़ी सैलरी दी जाएगी. यह वही तरीका है जो 7वें वेतन आयोग के वक्त अपनाया गया था, जब सभी कर्मचारियों को देरी के कारण एरियर का भुगतान किया गया था.
पिछली बार जब 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, तब भी रिपोर्ट आने और वेतन लागू करने में समय लगा था. सरकार ने बाद में इसे बैकडेट से लागू किया और कर्मचारियों को बकाया रकम दी. इस बार भी संभावना है कि अगर रिपोर्ट देर से आती है तो 2026 से लागू करके 2027 में एरियर के साथ भुगतान किया जाएगा.
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