अरबी, जिसे कई जगहों पर ‘कचालू’ या ‘तरो रूट’ भी कहा जाता है, भारतीय रसोई की एक लोकप्रिय सब्जी है. इसका स्वाद जितना बेहतरीन होता है, उतना ही पौष्टिक माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह स्वादिष्ट सब्जी कुछ लोगों के लिए सेहत से जुड़ी गंभीर समस्याओं की वजह भी बन सकती है? खासकर जब इसका सेवन ज़रूरत से ज्यादा हो या बिना सही तरीके से पकाया गया हो.
अरबी में मौजूद भारी स्टार्च और रेशे (फाइबर) पचने में समय लेते हैं. ज्यादा मात्रा में खाने पर यह पेट में गैस, सूजन और भारीपन का कारण बन सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनका पाचन तंत्र कमजोर होता है. अगर अरबी को ठीक से पकाया नहीं गया तो यह चिपचिपी बनावट के कारण आंतों में अवरोध पैदा कर सकती है. इसका असर मल त्याग पर पड़ता है जिससे कब्ज की समस्या उत्पन्न हो सकती है.
अरबी में कैल्शियम ऑक्सलेट क्रिस्टल होते हैं जो कुछ लोगों की त्वचा को इरिटेट कर सकते हैं. इससे खुजली, जलन या रैश जैसी एलर्जी हो सकती है. अगर ऐसी कोई प्रतिक्रिया हो तो तुरंत इसका सेवन बंद करना चाहिए. अरबी में ऑक्सालेट कंटेंट अधिक होता है जो शरीर में यूरिक एसिड को बढ़ा सकता है. यह गठिया या जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है. डॉक्टर अक्सर ऐसे मरीजों को अरबी से परहेज की सलाह देते हैं.
अरबी में कैलोरी और कार्ब्स दोनों की मात्रा अधिक होती है. यदि आप वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं तो इसका ज्यादा सेवन आपके फिटनेस लक्ष्य को बिगाड़ सकता है. इसमें मौजूद कैल्शियम ऑक्सलेट शरीर में जमा होकर किडनी स्टोन यानी पथरी का कारण बन सकता है. इसलिए जिन लोगों को किडनी से जुड़ी दिक्कतें हैं उन्हें अरबी खाने से बचना चाहिए.
अरबी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है, जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है. डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन बेहद सीमित मात्रा में ही करना चाहिए. अरबी स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर ज़रूर है, लेकिन यह हर किसी के शरीर के अनुकूल नहीं होती. अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं तो अरबी खाने से पहले एक बार विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. क्योंकि स्वाद के साथ सेहत का ख्याल रखना भी उतना ही जरूरी है.
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