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कम नींद और आंखों की सेहत, सिर्फ थकान नहीं, ये 6 समस्याएं भी देती हैं संकेत

रोजाना 6 घंटे से कम की नींद आंखों की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है. इससे ड्राई आई, आंखों का फड़कना, डार्क सर्कल, धुंधली नजर, संक्रमण और लाइट सेंसिटिविटी जैसी 6 समस्याएं हो सकती हैं.

👤 Samachaar Desk 13 Jul 2025 07:34 PM

या आप भी देर रात तक जागते हैं और रोजाना छह घंटे से कम की नींद लेते हैं? तो सावधान हो जाइए, क्योंकि ये आदत सिर्फ आपकी थकान नहीं बढ़ा रही, बल्कि आंखों की सेहत पर भी भारी पड़ रही है. अच्छी नींद शरीर को रिचार्ज करने का काम करती है, और अगर यह प्रक्रिया बाधित हो जाए, तो आंखें सबसे पहले इसका शिकार बनती हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, कम नींद लेने से आंखों में ड्राईनेस, सूजन और यहां तक कि संक्रमण तक हो सकता है.

ड्राई आई सिंड्रोम

जब नींद पूरी नहीं होती, तो आंखों में प्राकृतिक रूप से बनने वाला लिक्विड कम हो जाता है. इससे आंखों में सूखापन, जलन, खुजली और लालिमा की समस्या हो सकती है. यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो कॉर्निया को भी नुकसान हो सकता है.

आंखों का फड़कना (Eye Twitching)

नींद की कमी से आंखों की मांसपेशियां तनाव में आ जाती हैं, जिससे मायोकेमिया नामक समस्या हो सकती है. इसमें आंखें खुद-ब-खुद फड़कने लगती हैं. यह हल्का झटका दिखने में मामूली लगे, लेकिन इसका संकेत नींद की भारी कमी से जुड़ा होता है.

डार्क सर्कल्स और सूजन

नींद की कमी से आंखों के नीचे काले घेरे बनना आम बात है, लेकिन इसके साथ-साथ फ्लूइड रिटेंशन भी होता है, जिससे सूजन भी आ जाती है. ये लक्षण आपकी आंखों को थका हुआ और अस्वस्थ दिखाते हैं.

धुंधली नजर और फोकस की दिक्कत

जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते तो आपकी आंखों की मांसपेशियां ठीक से रिलैक्स नहीं कर पातीं. नतीजा—देखते समय धुंधलापन या फोकस करने में परेशानी होती है, खासकर स्क्रीन पर लंबे समय तक काम करने के बाद.

आंखों में संक्रमण का खतरा

आंसुओं में मौजूद एंटीबैक्टीरियल तत्व आंखों को बाहरी धूल और बैक्टीरिया से बचाते हैं. नींद की कमी से आंसुओं का निर्माण घटता है, जिससे इंफेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

लाइट सेंसिटिविटी

नींद पूरी न होने से आंखें अधिक संवेदनशील हो जाती हैं, जिससे रोशनी—चाहे स्क्रीन की हो या कमरे की—तेज लगने लगती है. इससे सिरदर्द, थकान और चिड़चिड़ापन भी हो सकता है.

इन आदतों को अपनाएं और आंखों को दें राहत:

1 रोजाना 7-8 घंटे की नींद को प्राथमिकता दें.

2 सोने से कम से कम 1 घंटे पहले स्क्रीन से दूरी बनाएं.

3 हर 20 मिनट पर 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें (20-20-20 नियम).

4 आंखों को थकान से बचाने के लिए दिन में हल्की ब्रेकिंग, ध्यान और योग करें.

5 काम के दौरान आंखों को रगड़ने से बचें और आंखों को नम बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पिएं.

अच्छी नींद सिर्फ मानसिक शांति नहीं देती, बल्कि आंखों की सेहत को भी बनाए रखती है. अगर आप भी अपनी आंखों को लंबे समय तक स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो आज से ही अपनी नींद को गंभीरता से लीजिए.

(Disclaimer: यह स्टोरी सामान्य जानकारियों पर आधारित है. किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या में विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.)