Karisma Kapoor: बॉलीवुड की दुनिया में कई सितारे आते-जाते रहे हैं, लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं जो हमेशा दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बना लेते हैं. 90 के दशक में अगर किसी एक्ट्रेस ने अपने अभिनय और स्क्रीन प्रेजेंस से हर किसी को दीवाना बनाया, तो वो हैं करिश्मा कपूर. लंबे समय से फिल्मों से दूरी बनाने के बावजूद, करिश्मा का नाम आज भी उसी शिद्दत से लिया जाता है. अपने दौर की टॉप एक्ट्रेस बनने से लेकर कपूर खानदान की विरासत को आगे बढ़ाने तक, करिश्मा की कहानी प्रेरणादायक रही है.
अभिनेता रणधीर कपूर और एक्ट्रेस बबीता की बड़ी बेटी करिश्मा कपूर ने महज 16 साल की उम्र में फिल्मी सफर की शुरुआत की. साल 1991 में आई उनकी पहली फिल्म प्रेम कैदी ने उन्हें इंडस्ट्री में पहचान दिलाई. उस समय एक अफवाह तेजी से फैली थी कि कपूर परिवार में बेटियों को फिल्म इंडस्ट्री में काम करने की इजाजत नहीं होती. लेकिन करिश्मा ने इस धारणा को तोड़ते हुए खुलासा किया कि यह केवल लोगों की बनाई हुई कहानी है.
करिश्मा के मुताबिक, न तो उनके दादा राज कपूर और न ही उनके पिता रणधीर कपूर ने कभी उनके करियर में रुकावट डाली. बल्कि दोनों ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. करिश्मा कहती हैं कि उनके पिता उनके सबसे बड़े सपोर्ट सिस्टम रहे हैं.
करिश्मा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता अक्सर उन्हें एक्टिंग के टिप्स देते थे. लेकिन एक बार रणधीर कपूर ने उन्हें बेहद अहम सलाह दी- “ कपूर नाम को नीचा मत करना.” यह वाक्य करिश्मा के लिए जीवनभर एक मार्गदर्शन बन गया और उन्होंने अपने काम से हमेशा इस नाम की गरिमा को बनाए रखा.
करिश्मा कपूर के करियर में कई सुपरहिट फिल्में शामिल हैं, जिन्होंने उन्हें 90 के दशक की क्वीन बना दिया. साजन चले ससुराल, राजा हिंदुस्तानी, दिल तो पागल है, राजा बाबू, दुल्हन हम ले जाएंगे, हम साथ साथ हैं, हसीना मान जाएगी, जुड़वा, हीरो नंबर 1 और कुली नंबर 1 जैसी फिल्में आज भी दर्शकों के बीच पॉपुलर हैं. उनकी रोमांटिक, कॉमिक और इमोशनल भूमिकाओं ने उन्हें एक बहुमुखी अदाकारा साबित किया.
भले ही करिश्मा अब फिल्मों में कम दिखती हैं, लेकिन सोशल मीडिया और पब्लिक इवेंट्स में उनकी मौजूदगी यह साबित करती है कि उनकी फैन फॉलोइंग आज भी बरकरार है. करिश्मा कपूर सिर्फ एक एक्ट्रेस नहीं, बल्कि मेहनत, प्रतिभा और अपने परिवार की इज़्ज़त बनाए रखने का उदाहरण हैं.