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योगी आदित्यनाथ ने फाजिलनगर का नाम बदला! अब इसे कहा जाएगा ‘पावा नगर’, जानें पूरा कारण"

Fazilnagar name change: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फाजिलनगर का नाम बदलकर 'पावा नगर' किया, जो जैन धर्म की आस्था और भगवान महावीर के महापरिनिर्वाण से जुड़ा है.

👤 Samachaar Desk 27 Nov 2025 04:23 PM

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में एक और स्थान का इस्लामिक नाम बदलने का ऐलान किया है. यह कदम जैन धर्म की आस्था और परंपरा को सम्मान देने के उद्देश्य से उठाया गया है. मुख्यमंत्री ने रविवार को गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित श्री तरुण सगराम पारसनाथ अतिशय तीर्थ धाम में आयोजित गुफा मंदिर उद्घाटन समारोह में इस घोषणा की.

फाजिलनगर का नाम बदलने का ऐतिहासिक फैसला

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन मुनि परंपरा तप, त्याग और नैतिक जीवन का संदेश देती है, जो समाज को सही दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करती है. इसी क्रम में उन्होंने बताया कि कुशीनगर जिले के फाजिलनगर का नाम बदलकर अब इसे 'पावा नगर' कहा जाएगा. पावा वह पवित्र स्थल है जहाँ भगवान महावीर के महापरिनिर्वाण का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है. इसलिए, इस क्षेत्र की पहचान को उसके आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के अनुरूप सम्मान देना आवश्यक है.

फाजिलनगर, कुशीनगर जिले का एक महत्वपूर्ण कस्बा है, जो भौगोलिक रूप से और व्यापारिक दृष्टि से जाना जाता है. यह स्थान पूर्वी उत्तर प्रदेश को बिहार से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है, जिससे यह व्यापार और आवागमन का प्रमुख केंद्र बन गया है.

योगी आदित्यनाथ का आध्यात्मिक संदेश

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नौ संकल्पना परिकल्पना को जैन समाज अपने अनुशासित जीवन, स्वावलंबन, सेवा कार्य और समाज सुधार की प्रेरणा से साकार कर रहा है. उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता ही वह शक्ति है जो समाज में संतुलन, समरसता और स्थायी विकास सुनिश्चित करती है.

कार्यक्रम में उपस्थित प्रसन्न सागर महाराज ने कहा कि भारत की परंपरा हमेशा त्याग, तप और साधना की भूमि रही है. राजनीति में सनातन धर्म और आध्यात्मिक मूल्यों की सहभागिता यह दर्शाती है कि राष्ट्र आज आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक आधार पर आगे बढ़ रहा है.

गुरुकुल, गौशाला और आयुर्वेदिक स्कूल की योजना

इस दौरान तरुण सागर तीर्थ एवं तरुण क्रांति मंच ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री से गुरुकुल, गौशाला और आयुर्वेदिक स्कूल खोलने की भी मांग रखी. ट्रस्ट ने कहा कि इससे युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, पशुपालन और आयुर्वेदिक उपचार पर आधारित ज्ञान प्राप्त होगा. यह समाज निर्माण में सहायक सिद्ध होगा और आने वाली पीढ़ियों को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ने में मदद करेगा.

मुख्यमंत्री की इस घोषणा से न केवल जैन धर्म के अनुयायियों को सम्मान मिला है, बल्कि यह प्रदेश के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास को संरक्षित करने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है. अब फाजिलनगर नहीं, बल्कि पावा नगर के रूप में इस क्षेत्र की पहचान आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से और मजबूत हो जाएगी.