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मायावती का मास्टरस्ट्रोक, अखिलेश के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी! BSP ने OBC संगठन को दिया बड़ा टास्क

बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2027 के चुनाव से पहले OBC वोटबैंक को साधने के लिए बड़ा मास्टरप्लान बनाया है. पार्टी की अहम बैठक में संगठन को मजबूत करने, वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और बामसेफ विवाद पर स्पष्ट निर्देश दिए गए.

👤 Samachaar Desk 01 Nov 2025 03:07 PM

बसपा सुप्रीमो मायावती एक बार फिर सियासी मोर्चे पर सक्रिय हो गई हैं. महारैली के बाद उन्होंने विरोधियों को जवाब देने के लिए बड़ा मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. आज उन्होंने OBC भाईचारा संगठन की अहम बैठक बुलाई, जिसमें पार्टी के जिलास्तरीय पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल रहे. बैठक का फोकस था — संगठन की मजबूती, जनाधार बढ़ाना और 2027 के चुनाव की तैयारी.

OBC वोटबैंक पर फोकस, अखिलेश के गढ़ में सेंध की कोशिश

मायावती ने इस बैठक में साफ संकेत दिए कि अब पार्टी अखिलेश यादव के OBC वोटबैंक में सेंध लगाने की रणनीति पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर सक्रिय रहना ही BSP की असली ताकत है. हर जिले से प्रगति रिपोर्ट मंगाई गई और कार्यकर्ताओं को नए दिशा-निर्देश दिए गए.

SIR सिस्टम और आर्थिक सहयोग पर जोर

बैठक में मायावती ने SIR (Structured Internal Review) की अहमियत समझाई. उन्होंने कहा कि संगठन की मजबूती के लिए हर स्तर पर ईमानदारी से समीक्षा जरूरी है. इसके साथ ही पार्टी फंडिंग को लेकर भी स्पष्ट दिशा दी — हर कार्यकर्ता को संगठन के आर्थिक सहयोग में सक्रिय भूमिका निभानी होगी.

वोटर लिस्ट और मतदाता जागरूकता पर मिशन मोड

मायावती ने कहा कि हर नागरिक का वोट डालना संवैधानिक जिम्मेदारी है. उन्होंने निर्देश दिया कि कोई भी पात्र व्यक्ति वोटर लिस्ट से छूटे नहीं. इसी कारण पार्टी की मासिक बैठक, जो पहले 10 नवंबर को प्रस्तावित थी, अब 1 नवंबर को ही रखी गई है. BSP चाहती है कि 2027 तक हर समर्थक का नाम मतदाता सूची में हो.

“जो संगठन के लिए काम करेगा, वही पाएगा सत्ता की चाबी”

मायावती ने कार्यकर्ताओं से कहा — “जो जल्दी और ईमानदारी से संगठन के लिए काम करेगा, सत्ता की मास्टर चाबी उसी को मिलेगी.” उन्होंने स्पष्ट किया कि BSP में मेहनत और निष्ठा का ही इनाम मिलेगा.

बामसेफ विवाद पर सफाई

मायावती ने बामसेफ संगठन को लेकर फैली गलतफहमियों पर भी बात की. उन्होंने कहा कि बामसेफ कोई राजनीतिक संगठन नहीं, बल्कि बहुजन समाज के शिक्षित वर्ग का सामाजिक मंच है. उन्होंने चेताया कि “रजिस्टर्ड बामसेफ” नाम से चल रहे संगठन असली नहीं हैं, और पार्टी को उनसे सतर्क रहना चाहिए.

अपरकास्ट वोटबैंक को लेकर भी नई रणनीति

मायावती ने कहा कि अब अपरकास्ट समाज राजनीतिक रूप से जागरूक हो चुका है, इसलिए उसे जोड़ने के लिए नया संगठन बनाने की जरूरत नहीं. यह वर्ग खुद BSP में अपना हित देखेगा.

“BSP सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय”

अपने भाषण के अंत में मायावती ने कहा कि BSP किसी एक वर्ग की नहीं, बल्कि पूरे समाज की भलाई के लिए काम करती है. उन्होंने सभी पदाधिकारियों से अपील की कि वे गांव-गांव में पार्टी की विचारधारा पहुंचाएं, मतदाता जागरूकता बढ़ाएं और 2027 के चुनावों के लिए पूरी तैयारी में जुट जाएं.