पटियाला के दूधन साधां गांव में 10.80 करोड़ की लागत से बने नए तहसील कॉम्प्लेक्स को जनता को समर्पित करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अब पंजाब की हर तहसील और सब-तहसील ऑफिस भ्रष्टाचार मुक्त बनने की ओर तेज़ी से बढ़ रही हैं.
मुख्यमंत्री बोले- “पहले राजस्व अधिकारी खुद को जनता को लूटने का हकदार समझते थे. डराते-धमकाते थे कि अगर हमने हड़ताल कर दी तो काम ठप हो जाएगा. लेकिन अब हमने इनपर कड़ी कार्रवाई शुरू की है और ये सड़ांध खत्म हो रही है.'
यह नया भवन अब एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार समेत कई अहम अधिकारियों का दफ्तर होगा। मान ने कहा कि पहले लोगों को पटियाला के मिनी सचिवालय जाना पड़ता था जिससे गरीब ग्रामीणों को भारी परेशानी होती थी। अब यह सब सेवाएं उनके गांव के पास ही मिलेंगी- समय, पैसा और ऊर्जा तीनों की बचत.
मुख्यमंत्री ने कहा कि “भ्रष्टाचार कैंसर की तरह है और सख्त कार्रवाई ही इसका इलाज है.” उन्होंने साफ कहा कि अब राजस्व कार्यालयों में "हड़ताल की धमकी, फाइल दबाना, और रिश्वत मांगना" बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आप सरकार ने राजस्व विभाग में "ईज़ी रजिस्ट्रेशन" जैसी योजनाएं शुरू की हैं जिससे आम लोग अब बिना किसी दलाल या प्राइवेट डीड राइटर के सीधे जमीन की रजिस्ट्री करवा सकते हैं.
मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके. उन्होंने अकाली दल और बादल परिवार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्होंने SGPC को 'शिरोमणि गोलक प्रबंधक कमेटी' बना दिया है -यानी केवल चढ़ावे की लूट में लगे हैं. मान ने आरोप लगाया कि "बादलों ने धार्मिक मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप करके अकाल तख्त के जत्थेदारों की नियुक्तियों में मनमानी की.