गुजरात की राजनीति में आम आदमी पार्टी (AAP) फिर से आक्रामक तेवर के साथ उतर चुकी है. पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार से दो दिवसीय दौरे पर गुजरात पहुंचेंगे. उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहेंगे. इस दौरे में दोनों नेता राज्य में बीजेपी की तीन दशकों की सरकार के खिलाफ दो बड़ी रैलियों को संबोधित करेंगे.
केजरीवाल ने अपने बयान में कहा, “मैं और भगवंत मान दो दिवसीय दौरे पर गुजरात जा रहे हैं. हम गुजरात की जनता के समर्थन में मोदासा और डेडियापाड़ा की रैली में शामिल होंगे. यह दौरा विशेष रूप से पार्टी की विसावदर उपचुनाव में मिली जीत के बाद हो रहा है, जिसे आप ने “राष्ट्रीय राजनीति में केजरीवाल की दमदार वापसी” करार दिया है'
अरविंद केजरीवाल ने केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, कि दूध उत्पादक किसानों ने जब अपने हक और उचित कीमतों की मांग की, तो उन पर लाठीचार्ज किया गया, जिसमें एक किसान की मौत हो गई। जब हमारे नेता चैतन्य वसावा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई, तो उन्हें जेल में डाल दिया गया. उन्होंने कहा कि तीन दशकों के शासन के बाद गुजरात में बीजेपी का भ्रष्टाचार और तानाशाही चरम पर पहुंच गया है और राज्य इस अहंकार और कुशासन के बोझ से जूझ रहा है.
गुजरात के जूनागढ़ जिले की विसावदर सीट पर हुए हालिया उपचुनाव में आप ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने बीजेपी उम्मीदवार किरीट पटेल को 17,554 वोटों के अंतर से हराया. आप के लिए यह जीत न केवल संगठनात्मक दृष्टि से अहम है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि राज्य में पार्टी की मौजूदगी अब मजबूत होती जा रही है.
इस दौरे से पहले भी केजरीवाल ने 1 से 3 जुलाई के बीच गुजरात का दौरा किया था, जहां उन्होंने पार्टी की संगठनात्मक बैठकों में हिस्सा लिया और ‘गुजरात जोड़ो’ सदस्यता अभियान की शुरुआत की थी. अब, भगवंत मान के साथ यह उनका अगला बड़ा सियासी प्रदर्शन माना जा रहा है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आम आदमी पार्टी अब गुजरात में खुद को मजबूत विकल्प के रूप में पेश करने की रणनीति पर काम कर रही है. किसान आंदोलन, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को सामने रखकर AAP बीजेपी को उसके गढ़ में चुनौती देने की तैयारी कर रही है.