दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता हाल ही में हुए हमले के बाद अब फिर से अपने काम में सक्रिय हो गई हैं। हमले के सिर्फ एक दिन बाद ही उन्होंने अपनी रोज़मर्रा की जिम्मेदारियां शुरू कर दीं। सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर अपनी तस्वीरें और एक लंबा पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपने कॉलेज जीवन के एक अनुभव का ज़िक्र किया।
सीएम ने बताया कि जब वह कॉलेज में थीं, तो उनके पिता ने उन्हें कार चलाने के लिए दी थी। एक दिन उनका बड़ा एक्सीडेंट हो गया। उस घटना के बाद उन्हें कार चलाने से डर लगने लगा। तब उनके पिता ने उन्हें समझाया कि जीवन में दुर्घटनाएँ होती रहती हैं, लेकिन उनसे डरकर पीछे नहीं हटना चाहिए। रास्ता चलना कभी बंद नहीं करना चाहिए। सीएम ने लिखा कि आज, हाल ही में हुए हमले के बाद, उन्हें अपने पिता की यही सीख फिर याद आ रही है।
उन्होंने आगे लिखा कि कल फिर एक दुर्घटना हुई, लेकिन वह दिल्लीवासियों के हितों के लिए संघर्ष करना कभी नहीं छोड़ेंगी। उनका जीवन और तन-मन पूरी तरह दिल्ली को समर्पित है। उन्होंने कहा कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, वे दिल्ली का साथ नहीं छोड़ेंगी। रेखा गुप्ता ने यह भी लिखा कि महिलाओं में चुनौतियों का सामना करने की दोहरी ताक़त होती है। वे बार-बार कठिनाइयों की परीक्षा देती हैं और खुद को साबित करती हैं। उन्होंने कहा कि वह भी हर चुनौती के लिए तैयार हैं।
सीएम ने अपनी पोस्ट में जनसुनवाई को लेकर एक बड़ा ऐलान भी किया। उन्होंने कहा कि अब जनसुनवाई सिर्फ उनके घर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि दिल्ली की हर विधानसभा में आयोजित की जाएगी। उनका संदेश था – “आपकी मुख्यमंत्री, आपके द्वार।”
इसके साथ ही उन्होंने एक प्रेरणादायक कविता भी साझा की, जिसमें संदेश था कि चाहे कितनी भी बाधाएं आएं, मुश्किलें घेर लें या रास्ता आग से भर जाए, हमें मुस्कुराते हुए आगे बढ़ना होगा और कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।
बता दें कि रेखा गुप्ता पर हमला उनके सिविल लाइंस स्थित कैंप कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान हुआ था। उनके कार्यालय ने इसे जान से मारने की एक साजिश बताया। पुलिस ने बताया कि यह हमला गंभीर और जानलेवा हो सकता था। आरोपी की पहचान गुजरात के राजकोट निवासी 41 वर्षीय सकारिया राजेशभाई खिमजीभाई के रूप में हुई है, जिसे घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया।