पंजाब सरकार ने नागरिकों को तेज़ और आसान आपातकालीन सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब लोग सिर्फ 112 नंबर डायल करके सड़क हादसे, हाईवे से जुड़ी परेशानी या साइबर फ्रॉड की शिकायत कर सकेंगे।
दरअसल, पहले अलग-अलग समस्याओं के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर होते थे। जैसे—हाईवे इमरजेंसी के लिए 1033 और साइबर धोखाधड़ी की शिकायत करने के लिए 1930 पर कॉल करना पड़ता था। लेकिन अब इन दोनों हेल्पलाइनों को 112 नंबर में मिला दिया गया है, ताकि लोगों को केवल एक नंबर याद रखना पड़े।
पंजाब पुलिस के मुताबिक, अगर कोई सड़क हादसा होता है, गाड़ी हाईवे पर खराब हो जाती है, या फिर कोई साइबर फ्रॉड का शिकार होता है—तो तुरंत 112 नंबर पर कॉल किया जा सकता है। कॉल करने के बाद शिकायत सीधा कंट्रोल रूम में जाएगी। साइबर अपराध के मामलों में विशेष रूप से प्रशिक्षित पुलिसकर्मी शिकायत दर्ज करेंगे और तुरंत एक्शन लेंगे।
पुलिस का कहना है कि इस नई व्यवस्था से समय की बचत होगी और मदद जल्दी मिलेगी। क्योंकि अब अलग-अलग नंबर मिलाने और विभागों के बीच तालमेल की दिक्कत नहीं होगी। इसके लिए राज्यभर में 257 आपातकालीन वाहन (ERVs) और 144 स्पेशल रोड सेफ्टी फोर्स वाहन तैनात किए गए हैं, ताकि हाईवे पर तुरंत सहायता मिल सके।
पंजाब सरकार ने इस सेवा को और मज़बूत बनाने के लिए बजट भी मंजूर किया है। इसमें नई गाड़ियों के लिए 100 करोड़ रुपये और डायल 112 का नया मुख्यालय बनाने के लिए 53 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इस कदम से लोगों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उन्हें अलग-अलग नंबर याद रखने की ज़रूरत नहीं है। चाहे सड़क दुर्घटना हो, गाड़ी खराब हो, साइबर धोखाधड़ी हो या कोई अन्य आपात स्थिति—सबके लिए अब सिर्फ 112 डायल करना होगा। इस पहल से पंजाब देश की उन गिनती की जगहों में शामिल हो गया है, जहां आपात सेवाएँ इतनी आसान और एकीकृत तरीके से उपलब्ध हैं।