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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मॉस्को में पुतिन से की मुलाकात, भारत-रूस रिश्तों को मजबूत करने पर जोर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से बातचीत की थी।

👤 Saurabh 21 Aug 2025 09:24 PM

विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों रूस के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने गुरुवार को मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि कुछ ही घंटों पहले जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ लंबी बातचीत की थी। दोनों नेताओं की बातचीत का मुख्य फोकस भारत और रूस के बीच व्यापार और आर्थिक रिश्तों को और मजबूत करना था।

जयशंकर की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया है और भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर दबाव भी बढ़ रहा है। पश्चिमी देशों का कहना है कि रूस से तेल खरीदने से यूक्रेन युद्ध को बल मिल रहा है। लेकिन भारत लगातार साफ करता रहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर ही फैसले लेता है।

रूसी विदेश मंत्री लावरोव के साथ हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस का रिश्ता दशकों पुराना है और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह दुनिया के सबसे अहम और स्थिर रिश्तों में से एक रहा है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक साझेदारी, नेताओं के बीच गहरा संवाद और दोनों देशों की जनता की आपसी भावनाएँ इस रिश्ते को और आगे बढ़ाने की बड़ी ताकत हैं।

जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत-रूस के बीच आपसी सहयोग केवल ऊर्जा या व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि विज्ञान, तकनीक और संस्कृति जैसे कई क्षेत्रों में दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं। यही कारण है कि यह रिश्ता लंबे समय से मजबूती से बना हुआ है और भविष्य में और गहराई तक जाएगा।

इससे पहले जयशंकर ने भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-TEC) की 26वीं बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस दौरान दोनों देशों ने व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने मॉस्को में भारत-रूस व्यापार मंच की बैठक को भी संबोधित किया, जिसमें व्यापार को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की बात कही गई।