रोहतास जिले में शुक्रवार (7 नवंबर) की रात प्रशासन ने भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी और काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी ज्योति सिंह के होटल पर अचानक छापेमारी की. यह कार्रवाई देर रात बिक्रमगंज स्थित उनके होटल में हुई, जब वे वहीं ठहरी हुई थीं. रातोंरात हुई इस घटना से इलाके की राजनीति में हलचल मच गई है और सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.
छापेमारी के बाद ज्योति सिंह ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा है. उनका कहना है कि “बिना महिला पुलिस बल के देर रात मेरे होटल में छापा मारा गया, जो पूरी तरह गैरकानूनी और असंवैधानिक है. मुझे चुनाव में कमजोर करने और डराने की कोशिश की जा रही है.”
ज्योति सिंह ने आगे कहा कि वे पारदर्शी तरीके से चुनाव लड़ रही हैं और जनता का पूरा समर्थन उनके साथ है, लेकिन विरोधी ताकतें उन्हें बदनाम करने में जुटी हैं.
इस मामले पर अब तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि छापेमारी चुनावी आचार संहिता के तहत संदिग्ध गतिविधियों की जांच के लिए की गई थी. चुनाव के मौसम में प्रशासन अक्सर ऐसे कदम उठाता है ताकि अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके. लेकिन ज्योति सिंह के आरोपों ने इस कार्रवाई को राजनीतिक रंग दे दिया है.
ज्योति सिंह, भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की पत्नी होने के कारण पहले से ही चर्चा में थीं. अब यह छापेमारी उन्हें सुर्खियों में और ज्यादा ले आई है. उनके समर्थकों ने इसे राजनीतिक साजिश बताया और निष्पक्ष जांच की मांग की है. काराकाट में अब यह मुद्दा बड़ा चुनावी विषय बन चुका है, जिससे स्थानीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है.
सूत्रों के अनुसार, ज्योति सिंह इस घटना को लेकर चुनाव आयोग में औपचारिक शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर रही हैं. उनका कहना है कि “अगर छापेमारी वाजिब थी, तो महिला फोर्स क्यों नहीं थी? यह मेरे अधिकारों का उल्लंघन है.” फिलहाल, मामले की जांच जारी है और पूरा बिहार अब प्रशासन की अगली कार्रवाई पर नजर लगाए हुए है.