Logo

मणिपुर में बड़ी राहत: कुकी-जो काउंसिल ने NH-2 खोलने पर दी सहमति, शांति बहाली की दिशा में अहम कदम

मणिपुर में हिंसा और तनाव के बीच एक बड़ा फैसला सामने आया है। कुकी-जो काउंसिल (KZC) ने नेशनल हाईवे-2 को खोलने पर सहमति दी है, जिससे लोगों और ज़रूरी सामानों की आवाजाही फिर से शुरू हो सकेगी।

👤 Saurabh 04 Sep 2025 03:40 PM

मणिपुर में जारी तनाव को कम करने की दिशा में बड़ी प्रगति हुई है। कुकी-जो काउंसिल (Kuki-Zo Council – KZC) ने नेशनल हाईवे-2 (NH-2) को आम लोगों और ज़रूरी सामानों की आवाजाही के लिए खोलने पर सहमति दे दी है। गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने यह जानकारी दी।

पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में गृह मंत्रालय और KZC प्रतिनिधियों के बीच कई बैठकें हुईं। इन्हीं चर्चाओं के बाद यह फैसला लिया गया। KZC ने भरोसा दिलाया है कि वे केंद्र सरकार की सुरक्षा बलों के साथ मिलकर NH-2 पर शांति बनाए रखने में पूरा सहयोग करेंगे।

NH-2 मणिपुर की लाइफलाइन मानी जाती है क्योंकि यह राज्य को नागालैंड और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों से जोड़ती है। मई 2023 में मणिपुर में मीतई और कुकी-जो समुदायों के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद यह सड़क बंद हो गई थी। इस संघर्ष में कई लोगों की जान गई, हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए और मानवीय संकट गहरा गया।

अब हाईवे का फिर से खुलना एक भरोसेमंद कदम माना जा रहा है। इससे राहत शिविरों में रह रहे लोगों और प्रभावित परिवारों को ज़रूरी सामान और मदद आसानी से पहुँच सकेगी। इम्फाल और दिल्ली दोनों जगह अधिकारियों का मानना है कि यह कदम धीरे-धीरे सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करेगा।

इसके साथ ही गुरुवार को दिल्ली में गृह मंत्रालय, मणिपुर सरकार और कुकी संगठनों – कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (KNO) और यूनाइटेड पीपल्स फ्रंट (UPF) – के बीच त्रिपक्षीय बैठक हुई। इसमें सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) समझौता नए नियमों और शर्तों के साथ एक साल के लिए साइन किया गया।

इस समझौते में दो अहम बिंदुओं को दोहराया गया –

मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रखी जाएगी।

स्थायी शांति और स्थिरता के लिए बातचीत ही रास्ता है।

साथ ही, KNO और UPF ने भी यह मान लिया कि वे सात कैंपों को संवेदनशील क्षेत्रों से हटाकर सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करेंगे। हथियारों को CRPF और BSF कैंपों में रखा जाएगा और सुरक्षा बल सभी लड़ाकों की सख्त जांच करेंगे ताकि किसी विदेशी नागरिक की पहचान कर उसे सूची से हटाया जा सके।