दक्षिण अफ्रीका ने आखिरकार अपने सपनों को सच कर दिखाया। 14 जून 2025 को लॉर्ड्स के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर उन्होंने पहली बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का खिताब जीत लिया। इस जीत के साथ उन्होंने 27 साल पुराने ICC ट्रॉफी के सूखे को खत्म किया। पिछली बार 1998 में उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी, लेकिन यह कोई वर्ल्ड खिताब नहीं था।
इस जीत में टेम्बा बावुमा और एडेन मार्करम की साझेदारी निर्णायक रही, जिन्होंने मुश्किल समय में टीम को संभाला और जीत तक पहुंचाया। इस जीत के साथ दक्षिण अफ्रीका ने अपने 'चोकर' टैग को भी पीछे छोड़ दिया, जो सालों से उन पर एक बदनुमा दाग की तरह चिपका था।
1992 में DLS नियम से हार
1999 का एजबेस्टन सेमीफाइनल ड्रामा
2003 में घरेलू विश्व कप से जल्दी बाहर
2015 में ऑकलैंड में न्यूजीलैंड से हार
2024 में टी20 विश्व कप नहीं जीत पाए
इन सभी निराशाओं के बाद, 2025 की यह जीत उनके क्रिकेट इतिहास का सबसे सुनहरा पल बन गई।
तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा ने दिखा दिया कि उन्हें बुमराह या स्टार्क से कम नहीं आंका जाना चाहिए। उन्होंने मैच की शुरुआत से ही दबदबा बनाया और 5 अहम विकेट झटके। पहले तीन ओवरों में उन्होंने बल्लेबाजों को खेलने का मौका तक नहीं दिया। उनके प्रदर्शन ने कप्तान के टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी के फैसले को पूरी तरह सही साबित किया।
दक्षिण अफ्रीका ने सिर्फ एक फाइनल नहीं जीता, उन्होंने वर्षों की नाकामी, उम्मीद और दर्द को पीछे छोड़कर एक नई शुरुआत की है। यह जीत सिर्फ ट्रॉफी नहीं, बल्कि एक पीढ़ी की उम्मीदों की जीत है।