भारतीय क्रिकेट टीम के उपकप्तान और विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में न सिर्फ ज़बरदस्त पारी खेली बल्कि 53 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया. पंत ने पहली पारी में 112 गेंदों पर 74 रनों की शानदार पारी खेली और इस दौरान उन्होंने फारुख इंजीनियर के 1972 में बनाए 415 रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया.
मैच के पहले दिन विकेटकीपिंग के दौरान बाएं हाथ की अंगुली में लगी चोट के बावजूद ऋषभ पंत ने हिम्मत नहीं हारी और बल्लेबाजी के लिए मैदान पर डटे रहे. उन्होंने केएल राहुल के साथ मिलकर 141 रनों की साझेदारी की, जिसने भारत की पारी को मजबूत आधार दिया. दोनों ने मिलकर 198 गेंदों में चौथे विकेट के लिए यह अहम भागीदारी निभाई.
ऋषभ पंत अब एक टेस्ट सीरीज में भारत के लिए बतौर विकेटकीपर दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं. इस सूची में पहले नंबर पर बुधि कुंदरन हैं, जिन्होंने 1964 में इंग्लैंड के खिलाफ 525 रन बनाए थे.
1. 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ: 416 रन
2. 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ: 350 रन
3. 2021 में फिर से 349 रन
उन्होंने इस बार फारुख इंजीनियर के 415 रनों को पीछे छोड़ते हुए अपनी छाप छोड़ी है.
ऋषभ पंत जब शतक की ओर बढ़ रहे थे, तभी सत्र के आखिरी ओवर में रन चुराने की कोशिश में रन आउट हो गए. इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने कवर से सटीक थ्रो मारकर पंत को आउट किया और अपनी टीम को एक बड़ी सफलता दिलाई. ऋषभ पंत की यह पारी न सिर्फ टीम इंडिया के लिए महत्वपूर्ण रही, बल्कि उन्होंने यह साबित कर दिया कि दर्द और दबाव के बीच भी वह ‘गेम चेंजर’ खिलाड़ी हैं. अब क्रिकेट प्रेमियों को उनसे आगे और रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन की उम्मीद है.