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बार-बार वही बातें सोचकर परेशान हैं? जानिए जापानी तरीकों के जरिए कैसे पाएं दिमाग को सुकून

जापानी तरीकों से ओवरथिंकिंग कम की जा सकती है. इचिगो-इचिए वर्तमान पर ध्यान सिखाता है, काइजेन छोटे कदमों पर जोर देता है, शिनरिन-योकू प्रकृति में समय बिताने को कहता है और दानशारी अनावश्यक चीजें हटाने पर.

👤 Samachaar Desk 28 Nov 2025 07:22 PM

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में दिमाग हर वक्त किसी न किसी बात में उलझा रहता है. कई लोग छोटी-छोटी बातों पर इतना सोचते हैं कि पूरा दिन उसी में निकल जाता है. यही आदत धीरे-धीरे ओवरथिंकिंग बन जाती है. ये परेशानी आज आम है कभी किसी फैसले को लेकर झिझक, कभी पुराने अनुभवों की याद, तो कभी भविष्य की चिंता. लगातार ऐसा करते रहने से तनाव, बेचैनी, नींद की कमी और आत्मविश्वास में गिरावट आने लगती है.

लेकिन अच्छी बात ये है कि कुछ सरल तरीकों से ओवरथिंकिंग को कम किया जा सकता है. जापान में इसके लिए कई दिलचस्प और असरदार तकनीकें अपनाई जाती हैं. इन्हें दैनिक जीवन में शामिल करके मन को शांत किया जा सकता है.

इचिगो-इचिए: वर्तमान पल को पूरी तरह जीना

इचिगो-इचिए का मतलब है हर पल खास है और दोबारा नहीं आएगा. इसलिए जो भी कर रहे हैं, उसमें पूरी तरह मौजूद रहें.

किसी से बात कर रहे हों तो ध्यान भटकाए बिना सुनें. चाय या कॉफी पीते समय फोन दूर रखें और स्वाद का अनुभव करें. रोज 10 मिनट शांत बैठकर सिर्फ वर्तमान क्षण को महसूस करें.

यह आदत दिमाग को अनावश्यक विचारों से दूर रखती है.

काइजेन: छोटे कदम, बड़ा असर

काइजेन का सिद्धांत कहता है कि बड़े बदलावों के बजाय छोटे-छोटे कदम उठाना बेहतर होता है.

एक घंटे किताब पढ़ने का लक्ष्य रखने की बजाय रोज़ 10 मिनट पढ़ें. पूरा कमरा साफ करने की जगह एक छोटी जगह से शुरुआत करें जैसे टेबल. बड़ी योजनाओं के बजाय छोटी और सरल आदतें जोड़ते जाएं.

धीरे-धीरे यही छोटे कदम ओवरथिंकिंग को कम कर देते हैं.

शिनरिन-योकू: प्रकृति में समय बिताना

जापान में प्रकृति के बीच टहलने को “फॉरेस्ट बाथिंग” कहा जाता है. यह तरीका मन को शांत करने में बेहद मददगार माना जाता है.

रोज 15–20 मिनट किसी पार्क या हरियाली वाली जगह जाएं. मोबाइल घर पर छोड़ दें और सिर्फ प्रकृति को महसूस करें. पेड़ों की खुशबू, हवा की आवाज, पत्तों के रंग इन सब पर ध्यान दें.

प्रकृति के करीब रहना दिमाग को धीरे-धीरे हल्का करता है.

दानशारी: अनावश्यक चीजों को छोड़ना

दानशारी का मतलब है कम सामान, कम उलझन. घर और दिमाग दोनों से फालतू चीजें हटाना.

अपने कमरे का एक कोना साफ करने से शुरुआत करें. वह चीजें जो एक साल से इस्तेमाल न हुई हों, उन्हें दान कर दें. मोबाइल और लैपटॉप से अनावश्यक फाइलें, ऐप और फोटो हटाएं. जब आसपास कम चीजें होंगी, तो दिमाग भी कम भटकेगा.

ओवरथिंकिंग कोई अजेय समस्या नहीं है. जापानी तरीकों की मदद से इसे धीरे-धीरे नियंत्रित किया जा सकता है. वर्तमान पर ध्यान देना, छोटे कदम उठाना, प्रकृति के साथ समय बिताना और अनावश्यक चीजों को हटाना ये सभी तरीके दिमाग को शांत और हल्का बनाते हैं.