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Karwa Chauth Moon Timing: सुहागिनों का पवित्र व्रत, जानिए कब निकलेगा चांद और क्या है पूजा का सही मुहूर्त

Karwa Chauth Moonrise Time: करवा चौथ 2025 इस बार 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा. जानें पूजा का सही मुहूर्त, सर्गी का महत्व और शहरवार चांद निकलने का समय.

👤 Samachaar Desk 10 Oct 2025 01:53 PM

करवा चौथ का त्योहार हिंदू विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. यह व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस बार करवा चौथ 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा. इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चांद निकलने तक निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं.

करवा चौथ 2025: चांद निकलने का समय

हर सुहागिन को इस दिन का सबसे ज्यादा इंतजार होता है जब चांद निकलता है. इस साल शहरवार चांद निकलने का समय इस प्रकार रहेगा –

दिल्ली / नोएडा: रात 8:13 बजे

अहमदाबाद: रात 8:47 बजे

पुणे: रात 8:52 बजे

मुंबई: रात 8:55 बजे

पटना: रात 7:48 बजे

प्रयागराज: रात 8:02 बजे

जयपुर: रात 8:23 बजे

लखनऊ: रात 8:02 बजे

हरिद्वार: रात 8:05 बजे

करवा चौथ पूजा और व्रत का समय

पूजा मुहूर्त: शाम 05:57 बजे से 07:11 बजे तक

व्रत का समय: सुबह 06:19 बजे से रात 08:13 बजे तक

चतुर्थी तिथि शुरू: 9 अक्टूबर, रात 10:54 बजे

चतुर्थी तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर, शाम 07:38 बजे

करवा चौथ की पूजा विधि

शाम को महिलाएं पारंपरिक पोशाक और गहनों से सजी-धजी होती हैं. वे एक जगह इकट्ठा होकर करवा चौथ कथा सुनती हैं जिसमें वीरवती, सावित्री और करवा की कहानी सुनाई जाती है. पूजा के बाद चांद को छलनी से देखकर पति का चेहरा देखती हैं और पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ती हैं.

प्यार और आस्था का त्योहार

करवा चौथ सिर्फ व्रत नहीं, बल्कि पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम, भरोसे और त्याग का प्रतीक है. विदेश में रह रहीं भारतीय महिलाएं भी पूरे रीति-रिवाज से यह त्योहार मनाती हैं.

10 अक्टूबर की रात जब चांद आसमान में झिलमिलाएगा, तब हर सुहागिन के चेहरे पर मुस्कान और आंखों में अपने जीवनसाथी के लिए दुआ होगी, यही है करवा चौथ का असली सार.

परंपरा के साथ आधुनिकता का संगम

आज की पीढ़ी की महिलाएं भी करवा चौथ को पूरे उत्साह से मनाती हैं. सोशल मीडिया पर #KarwaChauth सेलिब्रेशन की झलक हर जगह देखने को मिलती है. कई महिलाएं ऑफिस या विदेश में रहते हुए भी ऑनलाइन पूजा में शामिल होकर इस व्रत की पवित्रता बनाए रखती हैं.