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गरीबी में अब भी पाकिस्तान का आटा गिला, भारत ने कर दिखाया ये कमाल! वर्ल्ड बैंक का खुलासा

विश्व बैंक की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2011-12 से 2022-23 के बीच 17.1 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला है. भारत में अत्यधिक गरीबी की दर 27.1% से घटकर केवल 5.3% रह गई है, जो एक दशक में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है. वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान की स्थिति चिंताजनक है.

👤 Sagar 09 Jun 2025 01:55 PM

वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट ने भारत और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति के बीच गहरी खाई को उजागर कर दिया है. जहां भारत ने बीते एक दशक में 17.1 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला है, वहीं पाकिस्तान की करीब 45 प्रतिशत आबादी अभी भी गरीबी रेखा के नीचे जी रही है, जिनमें से 16.5 प्रतिशत लोग अत्यधिक गरीबी से जूझ रहे हैं।

भारत ने गरीबी हटाने में रचा इतिहास

वर्ल्ड बैंक के नए मानकों के अनुसार, अब प्रति व्यक्ति $3 प्रतिदिन से कम कमाने वालों को गरीब माना गया है. इसी आधार पर भारत में अत्यधिक गरीबी की दर 2011-12 के 27.1% से घटकर 2022-23 में सिर्फ 5.3% रह गई है. इस दौरान 171 मिलियन यानी 17.1 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला गया है.

पाकिस्तान में गरीबी में इजाफा

पाकिस्तान में 2024-25 में गरीबी की दर 42.4% पर बनी हुई है और साल दर साल कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. वर्ल्ड बैंक का कहना है कि पाकिस्तान की 2.6% आर्थिक विकास दर इतनी धीमी है कि इससे गरीबी घटाने में कोई असर नहीं पड़ रहा. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की जनसंख्या हर साल 2% की दर से बढ़ रही है, जिसके चलते इस साल 19 लाख नए लोग गरीबी में फंस गए हैं.

कृषि संकट और जल संकट ने बढ़ाई परेशानी

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 में पाकिस्तान को 40% कम बारिश, कीट हमले और जलवायु अस्थिरता का सामना करना पड़ा, जिससे कृषि उत्पादन में भारी गिरावट आई.

कपास का उत्पादन 29.6% गिरा

धान की पैदावार में 1.2% की गिरावट

भारत द्वारा इंडस वॉटर ट्रीटी (सिंधु जल संधि) को आंशिक रूप से रोकने के फैसले से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जल आपूर्ति पर भी बुरा असर पड़ा है. पाक मीडिया के मुताबिक, सिंधु बेसिन में पानी का फ्लो 15% कम हो गया है और कई बांध 'डेड लेवल' तक पहुंच चुके हैं.

खाद्य संकट और बढ़ती असमानता रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि ग्रामीण इलाकों में करीब 1 करोड़ लोग गंभीर खाद्य संकट के खतरे में हैं. कृषि मजदूरों की वास्तविक आमदनी 0.7% घटने की आशंका जताई गई है. साथ ही, आय असमानता भी बढ़ी है, जो पिछले साल से लगभग 2 प्वाइंट ऊपर गई है.

भारत IMF और World Bank के सामने पाकिस्तान का मुद्दा उठाएगा?

भारत पहले भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मामला उठा चुका है कि पाकिस्तान विदेशी सहायता का दुरुपयोग कर भारत के खिलाफ आतंक फैलाने में कर रहा है.अब वर्ल्ड बैंक की यह रिपोर्ट भारत को और मजबूत तर्क देने का मौका दे सकती है कि पाकिस्तान को दी जा रही वैश्विक सहायता का सही उपयोग नहीं हो रहा.