Logo

फार्मेसी से खरीदी दवा भी हो सकती है नकली! पैकिंग से क्यूआर कोड तक ऐसे करें चेक!

क्या आप जो दवा खा रहे हैं, वह असली है या नकली? पैकिंग से लेकर क्यूआर कोड तक, एक छोटी सी गलती आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है. जानिए आसान तरीके, जिससे आप पहचान सकते हैं असली दवा और बच सकते हैं बड़े खतरे से..

👤 Samachaar Desk 21 Jul 2025 11:31 AM

जब भी हम बीमार होते हैं, डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाएं खरीदना मजबूरी बन जाता है. हम मेडिकल स्टोर से दवा खरीदते समय यह मानकर चलते हैं कि सब कुछ सही होगा. लेकिन क्या आपको पता है, हर दवा असली हो यह गारंटी नहीं है? दवा बाजार में नकली दवाओं का बड़ा खेल चलता है, और कई बार लोग इन्हें खाकर और बीमार हो जाते हैं.

आजकल नकली दवाओं की पैकिंग इतनी परफेक्ट होती है कि पहचानना मुश्किल हो जाता है. इसलिए जरूरी है कि आप कुछ आसान तरीकों से असली और नकली दवा में फर्क कर सकें.

पैकेजिंग पर ध्यान दें

सबसे पहले दवा की पैकिंग को ध्यान से देखें. असली दवा की पैकेजिंग हमेशा क्लियर और ब्रांड के लोगो के साथ परफेक्ट होती है. इसमें मैन्युफैक्चरिंग डेट, एक्सपायरी डेट, बैच नंबर और एमआरपी साफ-साफ लिखी होती है.

नकली दवा में अक्सर ये डिटेल धुंधली होती हैं या गायब रहती हैं. ब्रांड का लोगो भी टेढ़ा-मेढ़ा दिख सकता है. अगर आपको पैकिंग पर किसी भी तरह की गड़बड़ी दिखे, तो दवा न लें.

क्यूआर कोड और होलोग्राम से करें चेक

आजकल असली दवाओं पर क्यूआर कोड या होलोग्राम होता है. इसे मोबाइल से स्कैन करें. स्कैन करते ही आपको कंपनी का नाम, बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जैसी डिटेल दिखेगी.

अगर स्कैन करने पर कोई जानकारी नहीं आती या डिटेल गलत है, तो समझ लें दवा नकली है. असली दवा का क्यूआर कोड हमेशा एक्टिव रहता है.

क्यों जरूरी है यह चेक?

नकली दवाएं लेने से बीमारी बढ़ सकती है, साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं और जान तक खतरे में पड़ सकती है. इसलिए दवा लेते समय हमेशा सतर्क रहें.

क्यों बढ़ रहा है नकली दवा का खतरा?

सस्ती कीमत का लालच

ऑनलाइन अनवेरिफाइड सोर्स से खरीद

दवा सप्लाई चेन में निगरानी की कमी

हेल्थ रिस्क: नकली दवा खाने से क्या हो सकता है?

बीमारी बढ़ सकती है

गलत कंपाउंड से ऑर्गन डैमेज

एलर्जी या गंभीर साइड इफेक्ट्स

जानलेवा रिएक्शन