कई लोग जब पहली बार SIP (Systematic Investment Plan) शुरू करने की सोचते हैं तो उन्हें यह प्रक्रिया थोड़ी कठिन लग सकती है. अलग-अलग फंड, जोखिम, समयावधि और योजनाओं को देखकर समझ नहीं आता कि शुरुआत कैसे की जाए. लेकिन सही जानकारी होने पर SIP शुरू करना न केवल आसान है, बल्कि भविष्य के लिए पैसे जोड़ने का एक सुरक्षित तरीका भी है. आजकल युवा कमाने वाले और छात्र भी अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए SIP का सहारा ले रहे हैं.
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि पहली SIP का अनुभव अच्छा होना चाहिए ताकि नया निवेशक आगे भी निवेश करने का आत्मविश्वास बनाए रख सके. गलत उत्पाद चुनने या जल्दबाजी में फैसला लेने से लोग निवेश से दूर भी हो जाते हैं. इसलिए शुरुआत सही तरीके से होना जरूरी है.
वित्त विशेषज्ञों के अनुसार, पहली SIP से पहले तीन बातों का साफ होना सबसे जरूरी है:
1. टाइम होराइजन – कितने समय के लिए निवेश करना है
आप थोड़े समय के लिए निवेश कर रहे हैं या कई सालों के लिए?
कम समय = कम जोखिम वाले फंड ज्यादा समय = ज्यादा रिटर्न वाले फंड
2. रिस्क एपेटाइट – आप कितना जोखिम उठा सकते हैं
हर व्यक्ति की जोखिम सहन करने की क्षमता अलग होती है. नए निवेशकों को अपनी क्षमता समझकर ही फंड चुनना चाहिए.
3. फाइनेंशियल गोल – आपका उद्देश्य क्या है
आपका लक्ष्य क्या है- उच्च शिक्षा, शादी, घर खरीदना, रिटायरमेंट, हर लक्ष्य के लिए निवेश का तरीका अलग होता है.
किस लक्ष्य के लिए कौन-सा फंड सही?
आप कितने समय के लिए निवेश कर रहे हैं, उसी के आधार पर फंड चुना जाता है:
शॉर्ट-टर्म (3 साल तक): डेट फंड मीडियम-टर्म (3–5 साल): हाइब्रिड फंड लॉन्ग-टर्म (5 साल से ज्यादा): इक्विटी फंड
लंबे समय तक SIP चलाने वालों को कंपाउंडिंग का बड़ा फायदा मिलता है. समय बढ़ने के साथ पैसा तेजी से बढ़ता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि SIP कितनी भी छोटी राशि से शुरू करें, लेकिन एक अच्छे फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें. यह मदद करता है सही फंड चुनने में, जोखिम समझने में, लक्ष्य तय करने में और निवेश को सुरक्षित बनाने में.
कॉलेज में पढ़ रहे हों या करियर की शुरुआत कर रहे हों. SIP शुरू करने का सही समय अभी है. थोड़ी-सी प्लानिंग और सही फंड चुनकर आप अपना भविष्य मजबूत बना सकते हैं.