दिवाली, जिसे रोशनी का पर्व कहा जाता है, हर साल कार्तिक मास की अमवस्या को मनाया जाता है. इस साल दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इस पावन दिन पर लोग घर में लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा करते हैं, घर-घर दीप जलाते हैं और रंग-बिरंगी आतिशबाजी तथा पटाखे चलाकर उत्सव मनाते हैं. हालांकि, यह आनंद का मौका हमारे पालतू जानवरों के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय भी होता है. तेज धमाकों और शोर-शराबे से वे अत्यंत परेशान हो जाते हैं. इसलिए, पालतू जानवरों की सुरक्षा और उनकी मानसिक शांति के लिए कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है.
दिवाली के दौरान घरों में पटाखों की तेज आवाज और दीपों की रौशनी जानवरों को घबराहट और तनाव में डाल सकती है. पटाखों की आवाज से वे डर जाते हैं और कई बार अचानक इधर-उधर भागने लगते हैं. इससे उनके चोटिल होने या खो जाने का खतरा बढ़ जाता है. कुछ जानवर डर के कारण आक्रामक भी हो सकते हैं. इसलिए पालतू जानवरों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान देना बेहद जरूरी होता है.
जानवर तेज आवाजों से भयभीत हो जाते हैं, इसलिए दिवाली के दिन घर की सारी खिड़कियां और दरवाजे बंद रखना चाहिए. इससे घर के अंदर शोर की मात्रा कम होगी और जानवर कम परेशान होंगे. साथ ही, बंद खिड़कियों से घर में पटाखों की चिंगारियां या आग लगने का खतरा भी कम होता है, जिससे दुर्घटना की संभावना घटती है.
दिवाली के शुरू होने से पहले अपने पालतू जानवर को एक शांत और सुरक्षित कमरे में बंद कर देना चाहिए. इस कमरे में उनकी आरामदायक बिस्तर, खिलौने जैसे बॉल और उनके खाने-पीने का इंतजाम होना चाहिए. कमरे की लाइट हल्की जलाएं ताकि माहौल कोजी और आरामदायक रहे. यह तरीका उनके तनाव को कम करने में मदद करता है. बीच-बीच में उन्हें चेक करते रहना भी जरूरी है ताकि उनकी स्थिति पर नजर बनी रहे.
अगर संभव हो तो घर में साउंडप्रूफिंग का उपयोग करें या जानवरों के लिए ईयरमफ (earmuffs) लगाएं. इससे पटाखों की तेज आवाज जानवरों तक पहुंचने से काफी हद तक बच जाएगी और वे ज्यादा शांत रहेंगे. यह उपाय खासकर उन जानवरों के लिए बेहद फायदेमंद होता है जिन्हें शोर से अधिक डर लगता है.
जानवरों को जो कमरे में रखा गया है वहां हल्का-फुल्का रिलैक्सिंग म्यूजिक बजाएं. इससे बाहरी शोर कम महसूस होगा और जानवरों को मानसिक शांति मिलेगी. साथ ही, उन्हें हमेशा नजर में रखें ताकि वे पटाखों या दियों के पास न जा सकें, जो उनके लिए खतरा हो सकता है.
दिवाली के समय जानवरों को डांटना या डराना बिल्कुल नहीं चाहिए. अगर वे घबराए हुए हों तो प्यार से उन्हें संभालें, थपथपाएं और अपने पास रखें. इससे उनका तनाव कम होगा और वे अधिक शांत रहेंगे. धैर्य और प्यार से व्यवहार करना सबसे प्रभावी तरीका है जिससे जानवर आक्रामक या डरावने व्यवहार से बच सकें.