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तेल कंपनियों को 30,000 करोड़ की सब्सिडी, सस्ती एलपीजी आपूर्ति जारी रखने का सरकार का फैसला

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने IOCL, BPCL और HPCL को कुल 30,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने को मंजूरी दी है, ताकि घरेलू एलपीजी को सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराया जा सके और कंपनियों को हुए घाटे की भरपाई हो।

👤 Saurabh 08 Aug 2025 04:53 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों— इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL) को कुल 30,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने की मंजूरी मिल गई है।

यह सब्सिडी इसलिए दी जा रही है क्योंकि इन कंपनियों को घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) को लागत से कम कीमत पर बेचने से भारी नुकसान हो रहा था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमतें काफी ज्यादा हैं, लेकिन सरकार ने यह बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला। इसकी वजह से कंपनियों को घाटा हुआ।

सरकार ने तय किया है कि यह 30,000 करोड़ रुपये 12 किस्तों में कंपनियों को दिए जाएंगे। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय यह तय करेगा कि इन तीनों कंपनियों के बीच यह रकम कैसे बांटी जाएगी।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस फैसले का मकसद दो चीजें हैं — पहली, आम लोगों को सस्ती एलपीजी मिलती रहे और दूसरी, तेल कंपनियों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो। उन्होंने कहा कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात और तेल-गैस क्षेत्र की अनिश्चितताओं को देखते हुए यह कदम जरूरी था।

2024-25 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतें ऊंची बनी रहने की संभावना है। इसके बावजूद सरकार ने दाम नहीं बढ़ाए, ताकि मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।

यह सब्सिडी कंपनियों को कच्चा तेल और एलपीजी खरीदने, पुराने कर्ज चुकाने और जरूरी निवेश करने में मदद करेगी। साथ ही, इससे देश भर में रसोई गैस की आपूर्ति भी बिना रुकावट जारी रह सकेगी।

यह कदम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जैसे सरकारी कार्यक्रमों को भी मजबूती देगा, जिसके तहत गरीब परिवारों को सस्ते दाम पर एलपीजी कनेक्शन और सिलेंडर दिए जाते हैं।

कुल मिलाकर, सरकार चाहती है कि चाहे अंतरराष्ट्रीय कीमतें कितनी भी बढ़ जाएं, देश के लोगों को रसोई गैस सस्ती और लगातार मिलती रहे।