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Bihar Election: मुस्लिम CM के बयान से भड़के तेजस्वी! चिराग पर जमकर बरसे RJD नेता

बिहार चुनाव 2025 से पहले तेजस्वी यादव और चिराग पासवान के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. मुस्लिम मुख्यमंत्री के बयान ने सियासी माहौल को गरमा दिया है. जानिए पूरा मामला.

👤 Samachaar Desk 26 Oct 2025 03:18 PM

बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और राजनीतिक माहौल हर दिन गर्म होता जा रहा है. इस बार सियासी जंग छिड़ी है आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) के नेता तेजस्वी यादव और लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान के बीच. दोनों नेताओं के बीच यह विवाद 2005 के पुराने राजनीतिक मुद्दे को लेकर शुरू हुआ है.

चिराग पासवान का आरोप

चिराग पासवान ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2005 में उनके पिता, दिवंगत रामविलास पासवान, चाहते थे कि बिहार में मुस्लिम मुख्यमंत्री बने, लेकिन उस वक्त आरजेडी ने इस पहल का समर्थन नहीं किया.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा, “मेरे पिता ने मुस्लिम सीएम बनाने के लिए अपनी पार्टी की कुर्बानी तक दी, फिर भी आरजेडी ने उनका साथ नहीं दिया. आज 2025 में भी आरजेडी मुस्लिम मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री देने को तैयार नहीं है.” चिराग ने सवाल उठाया कि अगर मुस्लिम समुदाय हमेशा वोट बैंक बनकर रहेगा तो उसे सम्मान और भागीदारी कैसे मिलेगी?

तेजस्वी यादव का पलटवार

चिराग के इस बयान पर तेजस्वी यादव ने तीखा पलटवार किया. उन्होंने कहा, “चिराग पासवान जो भी कहते हैं या नहीं कहते, उसका कोई महत्व नहीं है. असली सवाल यह है कि उनकी दूरदृष्टि क्या है?”

तेजस्वी ने आगे कहा कि चिराग एनडीए में खुद को असहज महसूस कर रहे हैं, लेकिन सत्ता के लालच में वहीं टिके हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि “एनडीए वालों ने चिराग के परिवार को आग लगा दी, फिर भी वे सत्ता के लिए अपने आदर्शों से समझौता कर रहे हैं.”

2005 की राजनीति का संदर्भ

साल 2005 में बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए दो बार चुनाव हुए थे. पहले चुनाव में कोई दल बहुमत नहीं ला पाया. उस समय एनडीए को 92, आरजेडी को 75, एलजेपी को 29 और कांग्रेस को 10 सीटें मिली थीं.

रामविलास पासवान चाहते थे कि मुख्यमंत्री मुस्लिम हो, लेकिन आरजेडी ने इस शर्त को नहीं माना. नतीजतन सरकार नहीं बन सकी और साल के अंत में फिर से चुनाव हुए, जिसमें एनडीए ने बहुमत हासिल कर लिया.

धर्म और जाति फिर बने चुनावी मुद्दे

तेजस्वी और चिराग के बीच यह जुबानी जंग एक बार फिर बिहार की राजनीति में धर्म और जाति को केंद्र में ला खड़ा कर रही है. तेजस्वी यादव ने कहा कि आरजेडी हमेशा सभी समुदायों को समान दृष्टि से देखती है और किसी भी समुदाय को सत्ता के लिए बांटने की नीति सही नहीं है. चुनावी सरगर्मी बढ़ने के साथ यह बयानबाजी माहौल को और भी गरमा रही है.