कांग्रेस पार्टी अपने संगठन में लगातार बदलाव कर रही है और राज्यों के चुनाव को ध्यान में रखते हुए नए प्रयोग भी कर रही है. इसी क्रम में पार्टी ने संगठन सृजन अभियान के तहत प्रदेशों में नए जिला अध्यक्ष नियुक्त किए हैं. इस अभियान का मकसद पार्टी को चुनावी मोर्चों पर मजबूत बनाना और विभिन्न समुदायों को नेतृत्व का अवसर प्रदान करना है.
हरियाणा प्रदेश में हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष की कमान वरिष्ठ नेता राव नरेंद्र सिंह को सौंपी गई है. उन्होंने उदय भान का स्थान लिया है. राव नरेंद्र सिंह अहीर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और उन्होंने पहले तीन बार विधायक रहते हुए हुड्डा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका निभाई है. इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया है. हुड्डा राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाएंगे और उनकी राजनीतिक पकड़ भी मजबूत है.
राजस्थान में नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी महासचिव सचिन पायलट, मध्य प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी और अशोक चांदना के नाम चर्चा में हैं. सूत्रों के अनुसार, पायलट इस रेस में सबसे आगे हैं. पायलट ओबीसी समुदाय से आते हैं और पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.
गोवा में पार्टी गिरीश चोडणकर को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है. चोडणकर वर्तमान में तमिलनाडु और पुडुचेरी के प्रभारी हैं और ओबीसी समुदाय से आने वाले नेता हैं. उन्हें पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता है.
हरियाणा में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के एक साल बाद ये नियुक्तियां की गई हैं. पिछले साल हुए चुनाव में भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी, जबकि कांग्रेस को 37 सीटें मिली थीं. इन नियुक्तियों का उद्देश्य जाट और ओबीसी गठजोड़ को मजबूत करना भी है.
हरियाणा में करीब दो दशक बाद किसी गैर-दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इससे पहले भजन लाल गैर-दलित प्रदेश अध्यक्ष थे. 2006 के बाद इस पद पर दलित नेताओं का शासन रहा, जिसमें फूलचंद मुलाना, अशोक तंवर, कुमारी सैलजा और उदय भान शामिल थे.
कांग्रेस के इस संगठनात्मक बदलाव से यह स्पष्ट होता है कि पार्टी चुनावी रणनीति के तहत पुराने समीकरणों और नए नेतृत्व विकल्पों के साथ आगे बढ़ रही है.