Logo

गुलाब जामुन छोड़े बिना 6 महीने में घटाए 40 किलो! जानें आशीष चंचलानी का वेट लॉस फॉर्मूला

फेमस यूट्यूबर आशीष चंचलानी ने बिना अपनी फेवरेट मिठाई गुलाब जामुन छोड़े 6 महीने में 40 किलो वजन घटाया. उन्होंने पोर्टियन कंट्रोल, कैलोरी काउंटिंग और डेली वर्कआउट की मदद से यह ट्रांसफॉर्मेशन किया.

👤 Samachaar Desk 15 Jul 2025 09:01 PM

बढ़ता मोटापा आज के समय में एक गंभीर हेल्थ समस्या बन चुका है. भागदौड़ भरी जिंदगी, अनहेल्दी डाइट और शारीरिक सक्रियता की कमी के चलते लोग तेजी से वजन बढ़ने की शिकायत कर रहे हैं. ऐसे में अक्सर लोग डाइटिंग, डिटॉक्स प्लान या फिर सोशल मीडिया पर दिखाए गए "क्रैश वेट लॉस हैक्स" का सहारा लेते हैं, लेकिन बिना किसी रिजल्ट के निराश हो जाते हैं.

हाल ही में यूट्यूब की दुनिया के पॉपुलर कॉमेडी कंटेंट क्रिएटर आशीष चंचलानी ने अपनी वेट लॉस जर्नी से फैंस को हैरान कर दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर खुलासा किया कि उन्होंने गुलाब जामुन जैसे फेवरेट डेजर्ट को छोड़े बिना सिर्फ 6 महीनों में 40 किलो वजन घटा लिया. तो आइए जानें, आखिर क्या है उनका वेट लॉस सीक्रेट.

डाइटिंग नहीं, 'स्मार्ट ईटिंग' है असली राज

आशीष मानते हैं कि वजन बढ़ने की असली वजह ज्यादा खाना (Overeating) है, न कि चीनी या तले हुए खाने. उन्होंने किसी चीज को पूरी तरह छोड़ा नहीं, बल्कि उसे नाप-तौलकर खाया. खासतौर पर मिठाइयों में पोर्शन कंट्रोल और कैलोरी काउंटिंग का पूरा ख्याल रखा.

डेली डाइट प्लान कुछ ऐसा था:

1 ब्रेकफास्ट: 6 उबले अंडे या ऑमलेट, साथ में फाइबर युक्त स्प्राउट्स.

2 लंच (3 बजे के आसपास): एक रोटी, 200 ग्राम चिकन, खीरे और अजवाइन से बना जूस.

3 ईवनिंग स्नैक (6 बजे): व्हे प्रोटीन शेक.

4 डेजर्ट क्रेविंग: हफ्ते में 1-2 बार सीमित मात्रा में गुलाब जामुन.

पसीने से बनी फिटनेस की कहानी

आशीष सिर्फ डाइट पर ही नहीं, बल्कि वर्कआउट पर भी उतना ही फोकस करते रहे. उन्होंने बताया कि वह हर दिन करीब 4 घंटे जिम में बिताते थे. कार्डियो, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, बैटलिंग रोप्स, बॉक्सिंग, रनिंग और साइकलिंग, ये सब उनके डेली जिम का हिस्सा था.

क्या कहती है आशीष की फिलॉसफी?

आशीष का मानना है कि वेट लॉस सिर्फ दिखने के लिए नहीं, बल्कि एक हेल्दी और खुशहाल जिंदगी जीने के लिए होना चाहिए. उनका सुझाव है कि वेट लॉस जर्नी शुरू करने से पहले खुद से एक सवाल जरूर पूछें, "क्या मैं खुद के लिए फिट होना चाहता हूं या दूसरों को खुश करने के लिए?"

आशीष चंचलानी की यह जर्नी बताती है कि फिटनेस सिर्फ डाइट या वर्कआउट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह डिसिप्लिन, कंसिस्टेंसी और बैलेंस का नाम है. अगर आप भी फिट होना चाहते हैं, तो जरूरी नहीं कि आप अपनी हर पसंद को छोड़ दें. बस समझदारी और नियमितता से आप भी अपने फिटनेस गोल्स को हासिल कर सकते हैं.