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छिलके वाला या बिना छिलके चना, कौन सा है आपकी सेहत के लिए बेहतर? जानें

Health Tips: छिलके वाले चने में फाइबर अधिक होता है, जिससे पाचन बेहतर होता है, वजन नियंत्रित रहता है और दिल की सेहत सुधरती है. वहीं बिना छिलके वाले चने में आयरन और प्रोटीन अधिक होते हैं, जो एनीमिया, कमजोर इम्यूनिटी और हड्डियों की कमजोरी से लड़ने में मदद करते हैं. अगर पाचन में कोई दिक्कत नहीं है, तो छिलके वाला चना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. अपने शरीर की जरूरत के अनुसार सही चना चुनें.

👤 Samachaar Desk 05 Jun 2025 07:30 PM

आजकल लोग हेल्दी खाने को लेकर खासे सजग हो गए हैं और चना उनकी डाइट का अहम हिस्सा बनता जा रहा है. लेकिन एक सवाल अक्सर उठता है. क्या छिलके वाला चना बेहतर है या बिना छिलके वाला? ऐसे में आइए इस खहर में जानते हैं दोनों के फायदे ताकि आप अपने शरीर के अनुसार सही विकल्प चुन सकें.

छिलके वाले चने के फायदे

छिलके वाले चने में भरपूर फाइबर होता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है. अगर आपका लक्ष्य वजन कम करना है, तो छिलके वाला चना बेस्ट है. यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है जिससे ओवरईटिंग से बचा जा सकता है. छिलके वाले चने में न केवल फाइबर बल्कि कई अन्य पोषक तत्व भी होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं.

बिना छिलके वाले चने के फायदे

अगर आपके शरीर में आयरन की कमी है या आप एनीमिया से जूझ रहे हैं, तो बिना छिलके वाले चने का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. इस प्रकार के चने में मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. भुने हुए चने में प्रोटीन और आयरन अधिक होते हैं, जो हड्डियों को मज़बूत करने में मदद करते हैं.

अगर किसी व्यक्ति को पाचन से जुड़ी कोई समस्या नहीं है, तो छिलके सहित चना सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है. इसमें न केवल फाइबर, बल्कि विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं. यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने, कोलेस्ट्रॉल घटाने और लंबे समय तक ऊर्जा बनाए रखने में भी मदद करता है. इसलिए, अगर शरीर सहन कर सके तो डेली डाइट में छिलके वाले चने को जरूर शामिल करें.

(Disclaimer: यह स्टोरी सामान्य जानकारियों पर आधारित है. किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या में विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.)