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श्राप से जुड़े रहस्य: क्यों काटना पड़ा शिवजी को अपने पुत्र गणेश का सिर?

श्रीगणेश का सिर काटने के पीछे केवल क्रोध ही नहीं, बल्कि भगवान शिव को मिला एक विशेष श्राप भी मुख्य कारण माना जाता है।

👤 Saurabh 27 Aug 2025 06:04 PM

भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश का सिर काटने की घटना तो सभी ने सुनी है, लेकिन इसके पीछे की पूरी कहानी और कारण कम ही लोग जानते हैं। आमतौर पर कहा जाता है कि जब गणेश ने माता पार्वती से मिलने के लिए अपने पिता शिव को रोक दिया, तो क्रोध में आकर शिव ने अपने पुत्र का सिर काट दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे सिर्फ क्रोध नहीं, बल्कि भगवान शिव को मिला एक विशेष श्राप भी था, जिसने उन्हें अपने ही पुत्र को नुकसान पहुँचाने के लिए मजबूर किया? आइए जानें वह रहस्य और कारण, जिसके चलते यह पौराणिक घटना हुई।

भगवान शिव को मिला श्राप

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव के दो भक्त माली और सुमाली थे, जो बाद में राक्षस बन गए। ये दोनों स्वर्ग पर कब्जा करना चाहते थे। सूर्यदेव ने उनकी योजना को रोकने के लिए अपनी शक्ति का प्रयोग किया। माली-सुमाली की पुकार सुनकर भगवान शिव वहाँ पहुँचे और उन्हें बचाने के लिए त्रिशूल से प्रहार किया। इस प्रहार से सूर्यदेव मरणासन्न हो गए।

महर्षि कश्यप ने क्रोध में आकर शिवजी को श्राप दे दिया कि जिस तरह तुमने मेरे प्रिय पुत्र को मारा, उसी तरह तुम्हें भी अपने पुत्र को मारना पड़ेगा। इस श्राप के कारण बाद में गणेश का सिर काटा गया।

क्यों काटा गया गणेश का सिर

एक बार माता पार्वती स्नान करने जा रही थीं और उन्होंने गणेश को आदेश दिया कि कोई अंदर न आए। गणेश ने माता की आज्ञा का पालन करते हुए द्वार पर पहरा दिया। उसी समय भगवान शिव माता पार्वती से मिलने आए, लेकिन गणेश ने उन्हें प्रवेश नहीं दिया। शिवजी ने कई बार अनुरोध किया, लेकिन गणेश नहीं माने।

हाथी का सिर और जीवनदान

भगवान शिव क्रोधित हुए और अपने त्रिशूल से गणेश का मस्तक शरीर से अलग कर दिया। जब माता पार्वती बाहर आईं और अपने पुत्र को इस अवस्था में देखा, तो वे बहुत क्रोधित हुईं। शिव को पता चला कि यह उनके ही पुत्र हैं और उन्हें बहुत पछतावा हुआ। माता पार्वती के आदेश और क्रोध से भगवान गणेश के शरीर पर हाथी का सिर लगाया गया और उन्हें जीवित किया गया।