शारदीय नवरात्रि 2025 का शुभारंभ 22 सितंबर से हो चुका है और यह पर्व 1 अक्टूबर तक चलेगा. इसके बाद 2 अक्टूबर को विजयादशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा. नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा की जाती है. इसी क्रम में अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन का विशेष महत्व है, जिसे नवरात्रि का सबसे पवित्र और पुण्यदायी अनुष्ठान माना जाता है.
नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन छोटी कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है. उन्हें भोजन कराना, उपहार देना और आशीर्वाद लेना अत्यंत शुभ माना जाता है. माना जाता है कि इस विधि से घर में सुख-समृद्धि, शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस वर्ष अष्टमी 30 सितंबर और नवमी 1 अक्टूबर को रहेगी, और दोनों ही दिन कन्या पूजन के लिए शुभ माने गए हैं.
हालांकि, कन्या पूजन करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है. अगर भक्त इन गलतियों से बचें, तो पूजा का फल दोगुना हो जाता है.
1. समान उपहार दें – सभी कन्याओं को बराबरी से उपहार और भोजन दें. किसी को ज्यादा और किसी को कम देने से पूजा का प्रभाव कम हो सकता है.
2. काले और अशुभ वस्त्र न दें – कन्या पूजन में काले रंग के कपड़े या वस्त्र नहीं देने चाहिए. यह अशुभ माना जाता है.
3. चमड़े और लोहे की वस्तुएं न चढ़ाएं – स्टील, लोहे या चमड़े से बनी चीजें कन्या पूजन में भेंट करना वर्जित माना गया है. ऐसा करने से शनि और राहु-केतु का दोष लग सकता है.
4. जबरदस्ती भोजन न कराएं – अगर कन्या का पेट भर चुका हो तो उसे जबरदस्ती न खिलाएं. उन्हें मां दुर्गा का स्वरूप मानकर सम्मान देना ही सबसे बड़ी पूजा है.
5. पूजन स्थल को तुरंत साफ न करें – जिस स्थान पर कन्या पूजन हुआ हो, उसे तुरंत साफ न करें. पूजा की पवित्रता बनी रहने के लिए कुछ समय तक वह स्थान वैसे ही छोड़ देना चाहिए.
नवरात्रि का कन्या पूजन केवल परंपरा ही नहीं, बल्कि मां दुर्गा के प्रति श्रद्धा और कन्याओं के प्रति सम्मान का प्रतीक है. अगर इसे सच्चे मन और सही नियमों के साथ किया जाए, तो घर में मां दुर्गा की कृपा सदा बनी रहती है. इस नवरात्रि, पूजा करते समय इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें और माता रानी का आशीर्वाद पाएं.