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Dhanteras 2025 : इस साल कब मनाया जाएगा धनतेरस, इस दिन किन देवताओं की होती है पूजा?

Dhanteras kab hai : धनतेरस दिवाली का पहला दिन होता है, जो धन, सेहत और समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है और यम दीप जलाया जाता है।

👤 Samachaar Desk 11 Oct 2025 09:19 PM

Dhanteras kab hai 2025 : हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला धनतेरस, दीपावली महापर्व की पहली सीढ़ी होती है. इस दिन को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल धनतेरस का पर्व 18 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा.

इस दिन लोग सोना, चांदी, बर्तन और नई चीजें खरीदते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हम धनतेरस क्यों मनाते हैं? आइए इस लेख में जानते हैं इस पवित्र पर्व के पीछे की रोचक कथाएं, महत्व और परंपराएं.

Dhanteras Meaning : "धनतेरस" का अर्थ क्या है?

धनतेरस शब्द दो भागों से मिलकर बना है: ‘धन’ यानी संपत्ति या समृद्धि, ‘तेरस’ यानी तेरहवां दिन. ये पर्व कार्तिक महीने के 13वें दिन (त्रयोदशी) को आता है और धन, आरोग्य और सुख-समृद्धि की कामना के साथ मनाया जाता है. यही वजह है कि इस दिन नई चीजें खरीदना शुभ माना जाता है, विशेष रूप से सोना, चांदी, बर्तन या घर की जरूरत की चीजें.

धनतेरस पर किसकी पूजा की जाती है?

धनतेरस के दिन निम्न देवताओं की पूजा की जाती है आइए जानते हैं-

भगवान धन्वंतरि – आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता मां लक्ष्मी – धन और समृद्धि की देवी भगवान कुबेर – धन के संरक्षक और खजाने के स्वामी

इन तीनों की पूजा करने से धन-धान्य, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है.

कैसे मनाते हैं धनतेरस? जानिए परंपराएं

धनतेरस पर घरों की साफ-सफाई करके उसे सजाया जाता है. शाम के समय पूजा का विशेष महत्व होता है.

धनतेरस पर की जाने वाली प्रमुख परंपराएं:

शुभ मुहूर्त में सोना-चांदी, बर्तन, झाड़ू, धनिया और अन्य वस्तुएं खरीदना घर के मुख्य द्वार पर यमराज के नाम पर चौमुखा दीपक जलाना भगवान धन्वंतरि, कुबेर और लक्ष्मी की सांझ की पूजा रात को घर के कोनों और दरवाजों पर दीप जलाना

इन सभी उपायों से घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-शांति और धन-समृद्धि बनी रहती है.