सावन का पवित्र महीना अब समापन की ओर है और इस बार इसका अंतिम सोमवार 4 अगस्त 2025 को पड़ रहा है. यह दिन न सिर्फ शिवभक्तों के लिए बेहद खास है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी कई शुभ संयोगों से युक्त है. जो लोग अब तक भोलेनाथ की पूजा नहीं कर पाए हैं, उनके लिए यह आखिरी सोमवारी जीवन बदलने का मौका बन सकती है. सावन सोमवार का महत्व
सावन के किसी भी सोमवार को शिवलिंग पर जल अर्पण करने से पापों का नाश, रोगों से मुक्ति और दोषों से छुटकारा मिलता है. खासकर आखिरी सोमवारी पर शिव पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं. इस दिन की गई पूजा का फल कई गुना अधिक मिलता है.
4 अगस्त को सावन सोमवार के साथ-साथ सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और ब्रह्म योग का भी निर्माण हो रहा है. साथ ही मीन राशि में शनि और कन्या राशि में मंगल की स्थिति इसे और भी ऊर्जावान और फलदायक बना रही है. इस संयोग का असर भक्तों की मानसिक स्थिति और आत्मविश्वास पर सकारात्मक रूप से पड़ेगा.
1 अमृत काल: सुबह 5:44 से 7:25 तक
2 शुभ काल: सुबह 9:06 से 10:46 तक
3 प्रदोष काल: शाम 5:29 से रात 8:29 तक
इन मुहूर्तों में भगवान शिव का जलाभिषेक और मंत्र जाप करना अत्यंत फलदायी माना गया है. करें ये उपाय और पाएं वरदान
इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद एक बेलपत्र पर अपनी मनोकामना कहकर अर्पित करें और उसे पूजा के बाद अपने पास रखें. माना जाता है कि इससे इच्छाएं शीघ्र पूरी होती हैं. यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, तो इस दिन चावल, दूध, दही, सफेद कपड़े और चीनी जैसे चंद्र से जुड़ी चीजें किसी ज़रूरतमंद को दान करें.इसके अलावा, विवाहित महिलाओं को सुहाग की सामग्री दान करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और पति की आयु लंबी होती है.
यह सिर्फ सावन का अंतिम सोमवार नहीं, बल्कि जीवन में शुभता लाने का एक दुर्लभ अवसर है. शिव कृपा पाने के लिए यह दिन न चूकें, विशेषकर जब ग्रह-नक्षत्र भी आपके पक्ष में हों.